नाला. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय शुक्रवार को नाला कांग्रेस पार्टी कार्यालय पहुंचे. जहां कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया गया. नाला कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष समर माजी, फतेहपुर प्रखंड अध्यक्ष जलालुद्दीन अंसारी, कुंडहित प्रखंड अध्यक्ष राजेंद्र घोष, महिला नेत्री पूर्णिमा धर ने वर्तमान नाला विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की संगठन की स्थिति एवं विभिन्न समस्याओं से रूबरू कराया. सभी कार्यकर्ताओं से परिचय प्राप्त करने के बाद पूर्व गृहमंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही नहीं, बल्कि एक परिवार है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ रही है. झारखंड अलग राज्य निर्माण में मेरी अहम भूमिका रही है. कहा कि एक साथ झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं उत्तराखंड का निर्माण हुआ. छत्तीसगढ़ में अजित योगी एवं उत्तराखंड में नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में सरकार बनी और राज्य को ऊंचाई तक ले गया, लेकिन झारखंड खनिज संपदा से भरपूर राज्य होने के बावजूद विजन नहीं रहने के कारण राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया. उन्होंने नाम नहीं लिए बगैर कहा राज्य शासन की चाबी लंबे समय तक जिनके हाथ में थी, उनलोगों ने राज्य का अपेक्षित विकास नहीं किया. काफी संघर्ष के बाद दो बार कांग्रेस की अगुवाई में हेमंत सोरेन की सरकार बनी. गठबंधन सरकार काफी तेजी से विकास करा रही है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाकर बूथ स्तरीय संगठन को मजबूत करने को कहा. कहा कि आप संगठन को मजबूत करेंगे तो आपका सम्मान भी बढ़ेगा. सहाय ने कहा कि लोगों की समस्याओं को सुनें और समाधान के लिए प्रयास करें. जब तक समाधान नहीं होता है, तब तक संघर्ष करें, बड़े नेता दौड़कर आपके पास आएंगे. उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि पार्टी के हित में आप हमें जब भी बुलाएंगे, जरूर आपके समक्ष उपस्थित होंगे. नरेंद्र मोदी सरकार को कोसते हुए कहा कि ग्यारह साल तक देश में शासन किया, लेकिन सरकारी उपक्रमों को अपने पूंजीपति मित्र के हाथों सौंप दिया और इसका परिणाम सबके सामने है. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को देश बचाओ, संविधान बचाओ अपनी आत्मसम्मान बचाने के लिए संघर्ष करने को कहा. इस अवसर पर पंचायत राज महामंत्री धीरज गुर्जर ने भी सभा को संबोधित किया. मौके पर पार्टी के कार्यकारी जिला अध्यक्ष विजय दुबे, जिला उपाध्यक्ष पंकज झा, गुलशन अली, तपन तिवारी, नरेश मुर्मू, जीतेन मंडल, लक्ष्मीकांत बनर्जी, मीमरान मिस्त्री, अभय सिंह, मृत्युंजय बनर्जी समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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