जामताड़ा. ईसीएल चितरा से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयला परिवहन करने वाले डंपरों से धड़ल्ले से कोयले की चोरी हो रही है. इतना ही नहीं जर्जर डंपर भी काेयले की ढुलाई कर रहा है. लेकिन इसको लेकर न ही जामताड़ा प्रशासन कार्रवाई करता है और न ही ईसीएल की ओर से कार्रवाई होती है. इस कारण डंपर चालक खुलेआम कोयले की बिक्री करते हैं. मालूम हो कि एसपी माइंस चितरा में उत्पादित कोयले को जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक पहुंचाने के लिए करीब 300 डंपर लगे हैं. बताया जाता है कि डंपर की क्षमता 12 टन निर्धारित है. जबकि वर्तमान समय में ओवरलोड कोयला का परिवहन किया जा रहा है, जो ओवरहेड लोडिंग का प्रमाण है. साइकिल व बाइक से खपाया जाता है चोरी का कोयला : चितरा से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयला ढुलाई के क्रम में डंपर से कोयला की चोरी की जाती है. चोरी किया गया कोयला बाइक तथा साइकिल के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में बेचा जाता है. अधिकांश डंपर के मालिक उसी मार्ग के किनारे आवासीय मकान बनाए हुए हैं. इस वजह से अपने आवासीय परिसर में भी कोयला उतारते हैं. जामताड़ा थाना क्षेत्र के सतसाल, उदलबनी, धतुआ, बिंदपाथर थाना के तंबाजोर, पालाजोरी के साथ-साथ चितरा से जामताड़ा तक सड़क किनारे अन्य अलग-अलग स्थानों पर डंपर को रोककर खुलेआम कोयला उतारते हैं. इसकी एवज में डंपर चालक मिट्टी लोड कर देते हैं ताकि जामताड़ा रेलवे साइडिंग में वजन के दौरान सही मिले. क्या कहते हैं इंस्पेक्टर : चितरा से जामताड़ा आने वाले डंपरों में कोयले की चोरी की सूचना मिली है. इस संबंध में जल्द छापेमारी की जायेगी ताकि कोयला चोरी पर अंकुश लग सके. कोयला की चोरी को रोकने में जामताड़ा प्रशासन का भी सहयोग जरूरी है. – रूपेश मिश्रा, इंस्पेक्टर, सीआईएसफ, ईसीएल चितरा
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