नारायणपुर. प्रखंड में अगर अबुआ आवास का लाभ लेना है तो इसके लिए पंचायत सचिव को 15 से 20 हजार रुपये नजराना देना होगा. यह बात तब खुलकर सामने आयी, जब कुरता पंचायत के तेतरियाटांड़ की दिव्यांग ललिता हेंब्रम, मोनिका हेंब्रम एवं उनके साथ गांव की सोनामुनी किस्कू, मनीषा हेंब्रम, सचिन किस्कू मंगलवार को बीडीओ मुरली यादव के पास लिखित शिकायत लेकर पहुंचे. कहा गया कि गांव की ही सेविका के पति द्वारा अबुआ आवास के नाम पर राशि ली गयी है, लेकिन अभी तक आवास स्वीकृत नहीं हुआ है. राशि लेते समय कहा गया था कि एक सप्ताह के अंदर हो जाएगा. इस राशि की पंचायत सचिव ने मांग की है. अगर राशि नहीं देंगे तो आवास नहीं मिलेगा. इसके बाद राशि दे दी गयी. हालांकि यह केवल एक पंचायत का मामला नहीं है, बल्कि कई पंचायतों में आवास के लिए इस तरह का पैसे का खेल चल रहा है. आवास की सूची में नाम काटने का भय पंचायत सचिव बिचौलियों के माध्यम से दिलवा रहे हैं, जिस कारण लोग बोलने से परहेज कर रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने कहा कि अगर पंचायत में पूरी ईमानदारी के साथ जांच की जाए तो ऐसे कई मामले सामने आएंगे जिसमें राशि लेकर या तो आवास दिया गया है या आवास देने का आश्वासन मिला है. इस काम में पंचायत सचिव और मुखिया बिचौलिये के माध्यम से शामिल हैं. नए-नवेले नियुक्त हुए सचिवों को नहीं है किसी का डर : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी हाल फिलहाल में पंचायत सचिव बने एवं पंचायत का पदभार मिलने वाले को कार्रवाई का तनिक भी भय नहीं है. इसके लिए पंचायत और ग्राम स्तर पर बिचौलिया रखे गए हैं. राशि लेनदेन सीधे तौर पर न होकर बिचौलियों के माध्यम से लिया जा रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर लोगों ने कहा कि हर छोटे-मोटे काम के लिए पंचायत सचिव राशि लेते हैं. चाहे आवास का सर्वे का काम हो, जिओ टैग का काम हो या प्रमाण पत्र निर्गत करने का. हर काम का अलग-अलग रेट है. राशि नहीं देने पर काम में टालमटोल होता है. काम नहीं बनने के भय से लोग शिकायत नहीं करते हैं, जिसका नजायज फायदा पंचायत सचिव उठा रहे हैं. क्या कहते हैं बीडीओ : कुरता पंचायत के तेतरियाटांड़ के ग्रामीणों से अबुआ आवास योजना में राशि लेने की लिखित शिकायत ग्रामीणों ने की है. इसके आलोक में जांच की जाएगी. फिलहाल पंचायत सचिव एवं मुखिया से स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है. अगर शिकायत सही पायी जाती है तो ठोस कार्रवाई होगी. अबुआ आवास सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. इसमें किसी प्रकार की राशि का लेनदेन दंडनीय अपराध है. – मुरली यादव, बीडीओ, नारायणपुर.
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