फैलसा. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई अंतिम सुनवाई 9 जून 2024 महिजाम के शास्त्री नगर में नंदलाल यादव की हुई थी हत्या प्रतिनिधि, जामताड़ा कोर्ट. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राधा कृष्ण की अदालत में गोली मारकर हत्या करने के मामले में सोमवार को अंतिम सुनवाई हुई. पीडीजे ने एक आरोपी दिलीप शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30,000 रुपये अर्थदंड की सजा भी मुकर्रर की है. घटना के संदर्भ में मृतक नंदलाल यादव की पत्नी ने दिए आवेदन में थाना प्रभारी को बताया था कि 9 जून 2024 की रात्रि 9:30 बजे रोज के भांति शास्त्री नगर पाइपलाइन के पास मवेशी खटाल में पति नंदलाल यादव को खाना खिलाकर अपने बच्चों के साथ 10:00 बजे कानगोई घर वापस आ गयी थी. दूसरे दिन सुबह जब खटाल पर गई तो पति नंदलाल यादव खटिया पर सोए हुए थे, उसके कान और छाती से खून बह रहा था. इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी और बताया कि उनके पड़ोसी दिलीप शर्मा से बराबर कहा सुनी होती थी, जब भी हम खाना लेकर आते और जाते थे तो शराब के नशे में गंदी-गंदी गालियां और कमेंट करते थे, जिसे लेकर उनके पति के साथ कई बार झगड़ा झंझट भी हुआ. दिलीप शर्मा अक्सर उनके पति को जान मारने की धमकी देते थे. संदेह है कि पति नंदलाल यादव को गोली मारकर हत्या दिलीप शर्मा ने ही की है. वहीं, घटना को लेकर मिहिजाम पुलिस 14 जून 2024 को दिलीप शर्मा को कब्जे में लिया और गहन पूछताछ की तो उन्होंने अपने बयान में बताया कि मृतक नंदलाल यादव का खटाल मेरे नए घर के पास है. अपने दोस्तों के साथ अपने घर में नशा करता हूं. इसे लेकर दिलीप शर्मा की उनके साथ अक्सर कहा सुनी होती थी. घटना के दिन इंडिया-पाकिस्तान का मैच था. मन ही मन दिलीप शर्मा ने उसे मारने का प्लान कर लिया और जब नंदलाल यादव की पत्नी रात्रि को अपने पति को खाना खिलाकर वापस चली गई और उनके दोस्त भी वापस अपने घर चले गए. मकान में रखे हथियार को निकाला और नंदलाल यादव के खटाल की ओर जाकर खटिया में सोए नंदलाल यादव के कान और छाती पर गोली मार कर हत्या कर दी. कानगोई आकर अपने पुराने मकान में मोबाइल स्विच ऑफ करके सो गया. हथियार को घटनास्थल के पास ही खजूर पेड़ के पास छुपा दिया. वहीं इस घटना में पुलिस ने आरोपित दिलीप शर्मा के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 302, 120 बी और 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से इस घटना को लेकर तेरह गवाहों का बयान अदालत में दर्ज कराया गया. सभी गवाहों के बयान सुनने के पश्चात अदालत ने आरोपित दिलीप शर्मा को भारतीय दंड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास और 30,000 रुपये अर्थदंड लगाया है. अर्थ दंड नहीं देने पर चार साल अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया है. आर्म्स एक्ट की धारा में 5 साल की सजा और 5000 रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है.
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