नाला. झारखंड में मानसून के समय पर प्रवेश करने एवं झमाझम बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. मंगलवार एवं बुधवार को हुई झमाझम बारिश से तालाब एवं खेत पानी से भर गया है. वहीं, अब धान की खेती के लिए खेत तैयार होने की संभावना से क्षेत्र के किसानों में खुशी है. धान का बीज डालने के बाद बारिश नहीं होने के कारण किसान मायूस एवं चिंतित थे, लेकिन दो दिन से जमकर बारिश होने से मायूसी दूर हुई है. किसानों की मानें तो इस बार निर्धारित समय से मानसून दस्तक देने से अच्छी बारिश की उम्मीद भी की जा रही है. किसान अब खरीफ मौसम में अरहर, मड़ुआ, मकई के अलावा करेला, कोहड़ा आदि फसलों को बोने की आस में है. पिछले वर्षों की अपेक्षा इस साल अधिक वर्षा होने तथा मनपसंद फसल होने की उम्मीद है. जानकारी हो कि नाला विधानसभा क्षेत्र में किसी प्रकार की उद्योग नहीं रहने के कारण अधिकांश लोग खेती कार्य पर निर्भर हैं. यहां के किसानों का मुख्य धंधा खेती है. वह भी मानसून पर ही निर्भर है. ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि कई दशक से अजय बराज निर्माणाधीन है जो अब तक अधूरा पड़ा हुआ है. अजय बराज अधूरा रहने के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को स्वयं विवश है, जिस उद्देश्य से नहर बनाने का कार्य किया गया था वह उद्देश्य विहीन है. किसानों के खेतों का प्यास बुझाने में असमर्थ है. इधर धूप एवं गर्मी के इस मौसम में मौसम का मिजाज अचानक नरम होने से क्षेत्रवासियों को राहत मिली है.
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