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जिले के 72 स्कूलों में साइबर सिक्योरिटी क्लब का गठन मील का पत्थर होगा साबित : डीसी

जामताड़ा. जिले के 72 विद्यालयों में इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन एंड अवेयरनेस साइबर सिक्योरिटी क्लब का गठन किया गया है.

समाहरणालय सभागार में सी-डेक, पटना की ओर से कार्यशाला का आयोजन संवाददाता, जामताड़ा. जिले के 72 विद्यालयों में इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन एंड अवेयरनेस साइबर सिक्योरिटी क्लब का गठन किया गया. इसे लेकर बुधवार को एसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन सभागार में जिला प्रशासन एवं सी-डेक, पटना के सौजन्य से मास्टर प्रशिक्षकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ डीसी रवि आनंद, संयुक्त निदेशक सी-डेक पटना, डीडीसी निरंजन कुमार ने संयुक्त रूप से किया. इसमें जिले के 72 विद्यालयों के छात्र-छात्राएं ऑनलाइन जुड़े. कार्यक्रम में मास्टर प्रशिक्षकों के रूप में विद्यालय के प्रधानाचार्य आदि शामिल हुए. मौके पर डीसी रवि आनंद ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी क्लब का गठन जिला के लिए मील का पत्थर साबित होगा. कहा कि आज के डिजिटल युग में इंटरनेट और तकनीकी उपकरणों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. बैंकिंग, शिक्षा, संचार, खरीदारी और शासन जैसे अनेकों क्षेत्रों में डिजिटल माध्यम का उपयोग आम हो गया है. इसके साथ ही साइबर अपराधों में भी तेजी वृद्धि हुई है. इन अपराधों से सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है. डिजिटल दुनिया में जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. कहा साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए जिले के 72 विद्यालयों में साइबर सुरक्षा क्लब के गठन किया गया है. यह एक नए जामताड़ा की शुरुआत होगी, जो अतीत के छाप को पीछे छोड़कर उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो सकेगा. यह हमारे युवाओं को नई शक्ति प्रदान करेगा. साथ ही गलत को सही में बदलने साथ ही डिजिटल भारत एवं डिजिटल झारखंड को बनाने में मददगार साबित होगा. कहा सभी मास्टर ट्रेनर बेहतर रूप से बारीकी से प्रशिक्षण प्राप्त करें. क्लब के जरिए जागरुकता का प्रसार करें. प्रोडक्टिव कनक्लूजन की ओर ले जाएं, ताकि आने वाले समय में जामताड़ा न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश में साइबर सिक्योरिटी हब के रूप में लोग जानें. साइबर सिक्योरिटी में सी-डेक एवं एनआइसी की भूमिका अहम : एसपी एसपी राज कुमार मेहता ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन उपायुक्त के प्रयास से किया गया है, जिसका मोटिव साइबर सुरक्षा को लेकर निचले स्तर तक के लोगों को जागरूक करना एवं उसे बताना है. यह कार्यशाला ट्रेनर ऑफ ट्रेनिंग के रूप में आयोजित की गयी है. कहा कि सी-डेक पटना एवं एनआइसी इस क्षेत्र में काफी अहम भूमिका निभा रही है. साइबर फ्रॉड के बदलते प्रारूप पर यह कार्य कर रहा है. इस दौरान उन्होंने साइबर अपराध से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में पुलिसिंग से प्राप्त जानकारियों को विस्तार से साझा किया. सतर्कता बरतने की अपील की. किसी भी बड़ी चीज की शुरुआत करने के लिए विजन जरूरी : संयुक्त निदेशक सी-डेक, पटना के संयुक्त निदेशक रितेश रमेशराव धोते ने कहा कि किसी भी बड़ी चीज की शुरुआत करने के लिए सबसे बड़ी चीज विजन और उसको इनेबल करने वाले लोग. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों के संदर्भ में उदाहरण देते हुए कहा कि बीज कैसा भी हो, उससे कौन सा पौधा खिलाना है, ये कला जो जिसके पास है वो गुरु है. पेड़ बड़ा होने पर उसकी साज सज्जा को सोचें या उस बीज को सुधारें जो आगे जाकर बड़ी जिम्मेवार को इनेबल करेगा. उन्होंने डेटा प्राइवेसी, डेटा प्रोटेक्शन सहित विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर जानकारी दी. मौके पर परियोजना निदेशक आइटीडीए जुगनू मिंज, एसी पूनम कच्छप, सिविल सर्जन डॉ आनंद मोहन सोरेन, डीआइओ संतोष कुमार घोष आदि थे.

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