नारायणपुर. सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और शिक्षा विभाग निरंतर प्रयासरत हैं, लेकिन विभाग से जुड़े कुछ कर्मियों की लापरवाही इन प्रयासों को कमजोर कर रही है. ताजा मामला शनिवार का है, जब दिन के 2 बजे एक विद्यालय के कक्षा कक्ष पूरी तरह खाली मिले. प्रधानाध्यापक उदय कुमार सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बच्चों को मध्याह्न भोजन खिलाने के बाद स्थानीय मुखिया के कहने पर एक घंटे पहले छुट्टी दे दी गयी. विद्यालय के समीप धरती आबा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया. प्रधानाध्यापक ने बताया कि शनिवार को कुल 51 विद्यार्थी उपस्थित थे, जिन्हें एमडीएम देने के बाद छुट्टी कर दी गयी. इस घटना को लेकर क्षेत्र में चर्चा है कि शिक्षक ने बिना विभागीय अनुमति के समय से पहले छुट्टी कैसे दे दी. लोगों का सवाल है कि क्या यह नियमों का उल्लंघन नहीं है? क्या शिविर के लिए स्थल चयन करते समय विद्यालय के पठन-पाठन पर प्रभाव का ध्यान नहीं रखा गया?
क्या कहते हैं डीएसई:
“मामला मेरे संज्ञान में आया है. किसी भी स्थिति में निर्धारित समय से पूर्व विद्यालय में छुट्टी नहीं दी जानी चाहिए. विद्यालय संचालन का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक निर्धारित है, और इसका पालन अनिवार्य है. मामले की जांच की जाएगी. “
– विकेश कुणाल प्रजापति, डीएसई, जामताड़ाB
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