प्रतिनिधि, नाला. प्रखंड क्षेत्र के नाला नीचेपाड़ा, गोपालपुर, मंझलाडीह, मोहनाबांक, तिलाकी, बड़वा, जलांई, कड़ैया, सितामुड़ी आदि गांवों में रथयात्रा उत्सव की तैयारी पूरी हो गयी है. शुक्रवार को रथयात्रा उत्सव को लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल है. ग्रामीण परिवेश में पुरानी परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के लिए रथ निर्माण एवं सजावट का काम कारीगरों की ओर से अंतिम रूप दिया जा रहा है. हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान की रथयात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है. इस दौरान हरिनाम संकीर्तन के साथ भ्रमण कराया जाता है, जिसके लिए तैयारी जोर-शोर से जारी है. बांग्ला पंचांग के यह सबसे बड़ा पर्व होने के लोगों में अपार उत्साह देखा जा रहा है. इस पर्व में आम एवं कटहल भोग का प्रधानता रहता है. रथयात्रा का धार्मिक एवं सांस्कृतिक दोनों का महत्व है. धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो जगन्नाथ धाम पूरी यात्रा भगवान जगन्नाथ को समर्पित है, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. कहते हैं कि जो कोई भक्त सच्चे मन से इस यात्रा में शामिल होते हैं वे इस जीवन-मरण के चक्र से बाहर निकल जाते हैं और उन्हें मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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