मिहिजाम. चित्तरंजन में रेलकर्मी की पत्नी संचिता चौधरी की हत्या की गुत्थी अभी सुलझ नहीं पायी है. पुलिस इस मामले की पड़ताल में जुटी है. मंगलवार को दुर्गापुर रीजनल फाॅरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की चार सदस्यीय टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किये. टीम द्वारा मकान के अंदर व बाहर छानबीन कर सबूत एकत्र किये गये. टीम ने हत्या वाले कमरे में जगह-जगह लगे खून के धब्बे के नमूने को एकत्र किया. इस क्रम में बिस्तर, फर्श, पर्दे, दीवार आदि पर खून के धब्बे पाये गये. पुलिस की अबतक जांच में यह बात सामने आयी है कि घटना के समय मकान का दरवाजा खुला हुआ था. कमरे में आलमारी खुली हुई थी, लेकिन इनसे सामान के चोरी होने की घटना सामने नहीं आयी है. कमरे में खून को साफ करने के लिए फिनायल व हार्पिक का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस का मानना है कि अपराधी परिवार के सदस्यों से परिचित हैं. घटना मकान में लूटपाट के इरादे से नहीं हुई है. संचिता चाैधरी की हत्या रेल आवास में 4 अप्रैल की देर शाम अपराधियों ने नृशंस तरीके से शरीर पर कई स्थानों पर वार कर किया था. जगह-जगह बिखरे खून के धब्बे यह बता रहे थे कि अपराधियों से बचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष भी किया था. घटना के समय पीड़िता मकान में अकेले थी. उनके पति उस समय डयूटी पर गये हुए थे. इस घटना ने रेलनगरी में भय का माहौल भी बना दिया है.
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