जामताड़ा. राज्य सरकार एक ओर जहां तय समय सीमा में कार्यों का निष्पादन करने का दावा करती है. वहीं दूसरी ओर जामताड़ा प्रखंड में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों का टोटा है. प्रखंड के कई पदाधिकारी व कर्मचारी अन्य विभाग के प्रभार में रहकर कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं. जिस कारण पदाधिकारी व कर्मियों को लगातार काम का दबाव बढ़ रहा है. 22 पंचायत वाले जामताड़ा प्रखंड में 17 जनसेवक कृषि विभाग का कार्य संभाल रहे हैं. जनसेवक ही यहां प्रखंड कृषि पदाधिकारी के प्रभार में हैं. इसी प्रकार एक जनसेवक जेएसएस का प्रभार में है तो एक जनसेवक एजीएम का प्रभार में है. यहां तक कि एक जनसेवक को जिला में एजीएम का चार्ज भी मिला है. प्रखंड में 22 पंचायतों में 14 पंचायत सचिव कार्यरत हैं. बाकि अन्य पंचायतों में पंचायत सचिव को प्रभार पर कार्य लिया जा रहा है. एक पंचायत सचिव को बीपीआरओ का प्रभार मिला है. वहीं 16 राेजगार सेवक के भरोसे 22 पंचायतों में मनरेगा कार्य चल रहा है. एमओ का प्रभार सीओ को मिला है. यहां प्रखंड कृषि पदाधिकारी, एमओ, एजीएम, बीएओ, बीइइओ, बीपीआरओ सहित अन्य महत्वपूर्ण विभाग में अधिकारियों का पद रिक्त है. संविदा के जेई का तीन पद स्वीकृत है, जिसमें दो कार्यरत है, एक पद रिक्त है. क्या कहते हैं बीडीओ : जामताड़ा बीडीओ प्रवीण चौधरी का कहना है कि प्रखंड में पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी की कमी है. इस संबंध में जिला से प्रतिवेदन मांगा जाता है. जिसे समय-समय पर दिया जाता है.
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