संवाददाता, जामताड़ा. झारखंड राज्य आउटसोर्स कर्मचारी संघ की जामताड़ा जिला इकाई ने समाहरणालय के समक्ष जिलास्तरीय धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान खुर्शीद आलम ने कहा कि झारखंड राज्य आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए झारखंड सरकार की ओर से गठित नियमावली में निहित कर्मचारी विरोधी बिंदुओं को हटाने एवं कर्मचारियों के हित में उक्त नियमावली को संशोधित करने की अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर पूरे राज्य के आउटसोर्स कर्मचारी एक साथ 9 जून से लगातार आंदोलनरत हैं. आगामी 15 जून को राज्य के सभी आउटसोर्स कर्मचारी रांची में राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे. कहा कि हमारी मांग है कि नियमावली गठन के उपरांत राज्य के सभी विभाग, कार्यालयों में आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत कर्मियाें को यथास्थिति कार्यालय एवं पद पर पूर्ववत रखा जाए. वहीं समान काम के बदले समान वेतन के सिद्धांत पर वित्त विभाग की ओर से संविदा पर कार्यरत कर्मियों के लिए किये गये प्रावधान के अनुरूप वेतन समान रूप से लागू किया जाए. वार्षिक वेतन वृद्धि राज्य सरकार या केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित मानक के अनुरूप समान या पूर्व की भांति 8 प्रतिशत किया जाए. वहीं राज्य सरकार की तर्ज पर पितृत्व अवकाश लागू किया जाए. 10 वर्षों से सेवारत आउटसोर्स कर्मियों की सेवा नियमितीकरण का प्रावधान किया जाए. उपार्जित अवकाश का प्रावधान राज्य सरकार के कर्मियों की तर्ज पर लागू किया जाए. दुर्घटना के क्रम में शारीरिक अपंगता होने पर बीमा के रूप में पांच लाख रुपये तथा दुर्घटना में मृत्यु के पश्चात 10 लाख रुपये एकमुश्त भुगतान का प्रावधान किया जाए. धरना प्रदर्शन के बाद उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. मौके पर सुकुमार मंडल, पिटू पासवान, रोशन गुप्ता, मनोज कुमार मंडल, जगदीप तिवारी, वापी भंडारी, राहुल दत्ता सहित अन्य थे.
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