नारायणपुर. नारायणपुर थाना क्षेत्र के केंदुवाटांड़ (बांसपहाड़ी) में संचालित पत्थर खदान के कारण स्थानीय उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय पिपलाटांड़ के बच्चों में भय का माहौल है. यह स्कूल खदान से मात्र 200-250 मीटर की दूरी पर स्थित है और इसमें 32 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय के शिक्षक मैनेजर मुर्मू ने बताया कि सप्ताह में दो से तीन दिन ब्लास्टिंग होती है, जिसकी तेज आवाज से बच्चे भयभीत हो जाते हैं. इसके अलावा ब्लास्टिंग के कारण स्कूल, सार्वजनिक शौचालय और आसपास के घरों में दरारें भी आ चुकी हैं. छात्र-छात्राओं ने बताया कि विस्फोट की आवाज बहुत डरावनी होती है, जिससे वे सहम जाते हैं. ग्राम प्रधान रमेश मरांडी ने आरोप लगाया कि खदान संचालन में मनमानी हो रही है और ब्लास्टिंग के बाद पत्थर घरों तक पहुंच रहे हैं, जिससे किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. खनन क्षेत्र में दिन-रात भारी वाहनों की आवाजाही से रास्ते भी खराब हो गए हैं. उन्होंने बताया कि खदान और क्रेशर आमने-सामने स्थित हैं, जिससे गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा है और सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी हो रही है. ग्रामीण लगातार भय के माहौल में जी रहे हैं, लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहा. उन्होंने मांग की कि खदान के संचालन की जांच होनी चाहिए कि क्या वह सुरक्षा नियमों का पालन कर रही है. स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खदान में नियमों की अनदेखी हो रही है और ऊपर तक सब सेटिंग है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे खदान संचालन के विरोध में नहीं हैं, लेकिन यह नियमों के अनुसार होना चाहिए ताकि लोगों को नुकसान न हो.
क्या कहते हैं डीएमओ :
यह मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं था. जहां तक बात विद्यालय और अन्य के क्षतिग्रस्त होने की है, तो इस विषय की जांच की जाएगी. खनन में नियमों की अवहेलना नहीं होनी चाहिए. अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. जांच करूंगा, इसके बाद अगर किसी का घर या अन्य शारीरिक नुकसान पहुंचा है तो इस विषय में सकारात्मक रूप से कार्रवाई होगी.
– मिहिर सलकर, डीएमओ, जामताड़ाB
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