नाला. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रविवार को अंबावाची पर्व मनाया गया. इस अवसर पर लोगों ने आसपास मंदिर में मां दुर्गा एवं महादेव की भक्ति भाव से पूजा-अर्चना कर माथा टेका. मां कामाख्या देवी दुर्गा का ही रूप हैं. इसलिए इस पर्व को मनाया जाता है. मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष 22 जून से 25 जून तक इस पर्व को मनाया जाता है. प्राचीनकाल से किसान इस पर्व के अवसर पर कई नियमों का पालन आज भी भली-भांति करते आ रहे हैं. इस अवसर पर तीन दिन तक किसान मिट्टी नहीं खोदने, हल नहीं जोतने तथा किसी प्रकार का बीज खेत में नहीं डालने की परंपरा कायम रख कर अंबावाची का पालन करते हैं. प्राचीन मान्यता के अनुसार लोगों ने इस पर्व के अवसर पर कच्चा दूध में पक्का आम मिलाकर सेवन किया. मान्यता यह है कि इसके सेवन से सर्प विष के अलावा किसी प्रकार के विष का असर शरीर पर कम पड़ता है. इस अवसर पर तीन दिन तक खेती कार्य पूर्ण रूप से बंद है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अंबावाची के समय भारी होता है जो इस साल भी देखने को मिला, जिससे किसान काफी खुश हैं. क्षेत्र के किसानों की मानें तो अंबावाची के बाद खरीफ मौसम में लगाए जाने वाले फसल, सब्जी खेतों में डाल पाएंगे. वहीं धान, मकई जैसे मुख्य फसल के बीज बोने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अब तक मौसम का जो मिजाज है, उससे इस साल अच्छी खेती की आशा व्यक्त की गयी है. झमाझम बारिश से खेत लबालब भर गया है.
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