कुंडहित. रवींद्र नजरुल जयंती के उपलक्ष्य में बंगाल के सीमावर्ती अंबा गांव में बांधव नाट्य मंच की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. मंगलवार की सुबह मंच के बैनर तले अंबा के ग्रामीणों ने प्रभातफेरी निकाली. शाम से देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया. पश्चिम बंगाल से आयी अनामिका हांसदा और मेधात्री बांसुरी ने शानदार ढंग से रवींद्र संगीत प्रस्तुत श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम के दौरान स्थानीय बच्चों और युवाओं के बीच नाट्य, गीत-संगीत, कविता व भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन कर नयी पीढ़ी को पुरानी विरासतों से जोड़ने का प्रयास किया गया. मंच के लोगों ने बताया कि रवींद्र नाथ ठाकुर हमारे हृदय में वास करते हैं. हमारी चेतना में महाकवि नजरुल इस्लाम का वास है. इनके बिना बांग्ला और बंगालियों का अस्तित्व और अस्मिता दोनों ही अधूरा है. बताया कि आज भी दोनों महाकवियों का नाम ही हम बंगालियों के हृदय को झंकार से भर देते हैं. कार्यक्रम में अंबा के अलावा गड़शिमला के ग्रामीणों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम के दौरान वादकों और गायकों की बेहतरीन युगलबंदी ने लोगों को रवींद्र संगीत और नजरुल की कविताओं की दुनिया से रूबरू कराया. कार्यक्रम को लेकर अंबा गांव के लोग बेहद उत्साहित दिखे.
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