नारायणपुर. गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे के नारायणपुर थाना क्षेत्र में अवैध बालू का परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिन के उजाले में फराटे भरते हुए कई ट्रैक्टर हाइवे से होकर नारायणपुर क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर बालू पहुंचा रही है. इस पूरे मामले को एक खराब ट्रैक्टर ने और पुष्ट कर दिया. दरअसल शनिवार को गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे के बांसपहाड़ी के समीप बालू लोडेड एक ट्रैक्टर अचानक खराब हो गयी. फिर क्या था ? चालक ने अपनी चालाकी दिखाई और बालू को हाइवे के बीचो-बीच अनलोड कर दिया और खुद ट्रैक्टर को थोड़ी देर में ले जाकर खड़ा कर दिया. हाइवे होने के कारण कई गाड़ियों का परिचालन दिन रात होते रहता है. 2 से 3 घंटे तक बीच सड़क पर यूं ही बालू पड़ा रहा. वाहनों को ही किनारे हटकर निकलते हुए देखा गया. हालांकि पुलिस पेट्रोलिंग की गाड़ियां तो गश्ती करती है, लेकिन शायद नजर नहीं गयी होगी या फिर नजरअंदाज करने का कोई मजबूरी होगा. इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि बालू लोडेड ट्रैक्टर चालक यातायात नियमों को दरकिनार कर चलाते हैं. अब लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि एक तरफ पुलिस प्रशासन हाइवे पर सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को सजक कर रही है फिर हाइवे पर ही 2 से 3 घंटे तक बालू अनलोडेड कैसे रह गया. क्या यह यातायात नियमों के विरुद्ध नहीं है. इनकी गति भी हवा की तरह होती है. ट्रैक्टर में व्याप्त अंतिम गति के लिए चालक का पैर हमेशा एक्सीलेटर पर रहता है, जहां एक तरफ बालू के इस अवैध कारोबार में माफिया फल फूल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ जामताड़ा और नारायणपुर में बहने वाली कई नदियों के अस्तित्व पर खतरा मडरा रहा है. वैसे तो आवास समेत अन्य सरकारी योजनाओं के लिए बालू की जरूरत है, लेकिन बालू के दरों में कमी देखने को नहीं मिल रही है. नारायणपुर में प्रति ट्रैक्टर बालू 2000 से लेकर 2500 रुपये तक बोली लगते हैं. बालू का कारोबार करने वाले लोगों की माने तो यह कारोबार केवल पैसों के बदौलत चल रहा है. हर जगह चढ़ावा देना पड़ता है तब जाकर बालू पहुंचता है. ऐसे में हाई रेट होना लाजमी है. लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह का रेट कारोबार पूरी तरह से बंद होना चाहिए. चालकों की मनमानी पर अंकुश लगनी चाहिए.
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