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Jharkhand Budget 2025: तसर रेशम उत्पादन में झारखंड अव्वल, एमएसएमई पर 486.31 करोड़ रुपये खर्च करेगी हेमंत सरकार

Jharkhand Budget 2025: झारखंड बजट 2025 में एमएसएमई और तसर रेशम उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. राज्य सरकार 4863 करोड़ रुपये खर्च करेगी. 20 हजार करोड़ के निवेश से 15,000 नौकरियां मिलेंगी. औद्योगिक विकास, सिंगल विंडो सिस्टम और आधारभूत संरचना पर जोर दिया गया है.

Jharkhand Budget 2025: झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सोमवार 3 मार्च 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 का सालाना बजट पेश कर दिया है. अपने बजट भाषण में उन्होंने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और उद्योग को बढ़ावा के साथ ही तसर रेशम के उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाने के बात कही है. उन्होंने कहा है कि तसर रेशम के उत्पादन के मामले में झारखंड देशभर में अव्वल है. उन्होंने अपने सालाना बजट में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए 486 करोड़, 31 लाख, 61 हजार रुपये का प्रस्ताव किया है.

औद्योगिक विकास के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रस्ताव

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा, ”झारखंड राज्य प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण ऐसा राज्य है, जहां औद्योगिक विकास की असीम संभावनाएं हैं. राज्य सरकार अनुकूल औद्योगिक वातावरण के निर्माण के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस सिलसिले में विभिन्न नई औद्योगिक नीतियों की शुरुआत की गई है, ताकि न सिर्फ झारखंड में पूंजी निवेश का लगातार प्रवाह बने, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर में लगातार बढ़ोतरी हो सके और इससे ग्रामीणों की आमदनी में बढ़ोतरी हो.” उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उद्योग विभाग से संबंधित योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है.

झारखंड में आएगा 20 हजार करोड़ का निवेश

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत आने वाले सालों में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाया जाएगा. इससे राज्य के करीब 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है. औद्योगिक इकाइयों की देनदारियों के निष्पादन और राज्य के औद्योगिक विकास के साथ-साथ पूंजी निवेश के लिए प्रक्षेत्रवार अधिसूचित नीति के तहत स्थापित नए औद्योगिक इकाइयों को अनुदान और सब्सिडी देने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है.

सिंगल विंडो सिस्टम से निवेशकों को मिलेगी जानकारी

उन्होंने कहा कि सिंग विंडो व्यवस्था के तहत निवेशकों को सभी प्रकार की जानकारी मुहैया कराई जाती है और ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है. निर्धारित समयसीमा और उद्योग स्थापित करने के लिए ऑनलाइन अनापत्ति प्रमाण पक्ष् और अन्य सुविधाओं के साथ पूंजी निवेश के उद्देश्य से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिंगल विंडो व्यवस्था के माध्यम से सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है. सिंगल विंडो व्यवस्था के संचालन के लिए आगाम वित्त वर्ष के लिए राशि का प्रावधान किया गया है.

जियाडा के तहत सात स्थानों पर आधारभूत संरचना का काम

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि आगामी वर्ष में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के तहत बोकारो, गिरिडीह, सिंदरी, आदित्यपुर, जसीडीह और देवीपुर औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में एमएसएमई उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने के लिए एमएसएमई निदेशालय या एमएसएमई सेल का गठन प्रस्तावित है. एमएसएमई निदेशालय के संचालन और क्रियान्वयन के लिए नई झारखंड एमएसएमई प्रोत्साहन नीति-2023 को अधिसूचित किया गया है.

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तसर रेशम उत्पादन में झारखंड अव्वल

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपने बजट भाषण में आगे कहा कि झारखंड तरस रेशन उत्पादन में देश में अव्वल रहा है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 1000 मीट्रिक टन तसर रेशन के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 1121.77 मीट्रिक टन रॉ तसर का उत्पादन हुआ. वर्तमान वित्त वर्ष 2024-24 में 1500 मीट्रिक टन उत्पादन के लक्ष्य प्राप्ति की ओर झारखंड अग्रसर है. आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में रेशम प्रक्षेत्र में 1800 मीट्रिक टन तसर रेशम के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों के विकास और विस्तार विशेषकर एमएसएमई को प्रधानता देते हुए वर्ष 2025-26 में उद्योग विभाग के लिए 486 करोड़, 31 लाख, 61 हजार रुपये के बजट का प्रस्ताव है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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