Success Story: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने कल मंगलवार को मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया. कुल 91.71 % विद्यार्थी परीक्षा में उतीर्ण हुए. परीक्षाफल सामने आने के बाद कई छात्रों की प्रेरणादायक कहानी सामने आयी. इन्हीं में से एक कहानी है 56 वर्षीय गंगा उरांव की. खूंटी जिले के रहने वाले गंगा ने 56 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा दी और सफलता भी पायी. उन्हें परीक्षा में 47.2 प्रतिशत अंक मिलें. गंगा डीएसई कार्यालय में दैनिक वेतन पर चपरासी के पद पर कार्यारत हैं.
फीस के अभाव में परीक्षा से वंचित रह गये थे गंगा
गंगा उरांव ने बताया कि गरीबी के कारण वह मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाये थे. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि 10वीं बोर्ड के रजिस्ट्रेशन के लिए उनके पास 40 रुपये तक नहीं थे. फीस के अभाव में गंगा परीक्षा से वंचित रह गये थे. इधर गंगा के मैट्रिक पास होने से परिवार में खुशी का माहौल है. गंगा की मां बेटे के मैट्रिक पास होने से काफी खुश है.
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मैट्रिक पास न होने के कारण नौकरी में हो रही थी परेशानी
गंगा उरांव ने बताया कि वे डीएसई कार्यालय में बीते 16 सालों से दैनिक वेतनभोगी के रूप में चपरासी के पद पर काम कर रहे हैं. इसके एवज में उन्हें करीब 9 हजार रुपये मिलते हैं. नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर वे लगातार कई सालों से गुजारिश करते आ रहे हैं, लेकिन मैट्रिक की डिग्री नहीं होने के कारण हर बार उनकी मांग को टाल दिया जाता था. इसी कारण गंगा ने मैट्रिक परीक्षा देने का विचार बनाया. और अब उन्हें सफलता भी मिल गयी. गंगा ने कहा उम्मीद है कि अब नौकरी स्थायी हो जायेगी.
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