कोडरमा. रामलखन सिंह यादव इंटर कॉलेज झुमरीतिलैया में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत सामने आयी है़ विधायक सह कॉलेज की अध्यक्ष डॉ नीरा यादव को मिले शिकायती पत्र के बाद पूरा मामला डीसी मेघा भारद्वाज के पास पहुंचा है़ इसके बाद डीसी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. डीसी के आदेश पर गत दिन डीडीसी ऋतुराज के नेतृत्व में गठित कमेटी ने मामले की जांच की़ जांच में अब तक कॉलेज के प्राचार्य जितेंद्र बहादुर और वर्तमान सचिव अजय प्रताप सिंह की भूमिका सवालों के घेरे में है. पूरे मामले में डीडीसी ने चार दिनों के अंदर जवाब मांगा है़ जानकारी के अनुसार प्रबंधन पर आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गयी राशि में से 15% राशि कॉलेज के विकास पर खर्च की जानी थी, लेकिन पिछले चार वर्षों में इस राशि की केवल निकासी हुई है. धरातल पर कोई विकास कार्य नहीं हुआ है़ आरोप है कि सचिव की मिलीभगत से गड़बड़ी की गयी है़ कॉलेज में चार सालों में एक भी पुस्तक नहीं खरीदी गयी, जबकि फर्जी बिल लगाकर पैसे की निकासी की गयी. वहीं कंप्यूटर की खरीदारी बाजार मूल्य से दोगुनी दर पर की गयी, जिससे भारी वित्तीय लाभ उठाया गया़ शिकायत में यह भी कहा गया है कि 60 वर्ष की आयु पार कर चुके शिक्षकों को दोगुने वेतन पर दोबारा महत्वपूर्ण पदों पर बहाल किया गया है़ टीआर, उपप्राचार्य, बड़ा बाबू और कैशियर जैसे पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षक आज भी विराजमान हैं, जिससे सचिव और प्राचार्य को सीधा लाभ मिल रहा है़ यह पूरी प्रक्रिया नियमों के खिलाफ और कानून की अवहेलना है़ यही नहीं रसायनशास्त्र के व्याख्याता कमलेश कमल की बहाली को लेकर भी सवाल उठे हैं. आरोप है कि उनका पद पूर्व से विचाराधीन है़ बावजूद उन्हें वित्तीय लाभ दिया जा रहा है़
सदस्यों की फर्जी उपस्थिति दिखा लिये जाते हैं मनमाने निर्णय
शिकायत के अनुसार कॉलेज की बैठकों में सभी सदस्यों की जानकारी के बिना हस्ताक्षर कराये जाते हैं और फिर उनके नाम पर मनमाना प्रस्ताव पारित कर लिया जाता है़ एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है, जिसमें चार सेवानिवृत्त शिक्षक हैं जो प्राचार्य और सचिव के इशारे पर निर्णय लेते हैं. सभी आरोपों पर जांच करने के बाद डीडीसी ने कॉलेज के प्राचार्य को पत्र भेजकर 16 बिंदुओं पर साक्ष्य और जवाब मांगा है़ इसमें वित्तीय वर्ष की बैठक कार्यवाही, क्रय संबंधित कागजात, शिक्षक बहाली और सेवानिवृत्ति से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि सचिव द्वारा लिखित रूप में स्पष्ट किया जाये कि सभी निर्णय उनकी देखरेख में लिये गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है