27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

टाना भगत: महात्मा गांधी के अनन्य भक्त दूसरे के हाथ का बना भोजन नहीं करते, आज भी जीते हैं सादा जीवन

महात्मा गांधी के अनन्य भक्त टाना भगत दूसरे के हाथ का बना भोजन नहीं करते हैं. घर से बाहर रहने पर भी वे होटल में खाना नहीं खाते हैं. चूड़ा व गुड़ खाया करते हैं. आजादी के सात दशक बाद भी ये सादा जीवन जीते हैं.

कुड़ू (लोहरदगा), अमित कुमार राज: देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले टाना भगतों की स्थिति आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली है. टाना भगत परिवार आज भी दूसरे के हाथों का बना खाना खाने से परहेज करते हैं. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान साल 1914 में टाना भगतों ने एक नारा दिया था टाना बाबा टाना, टन टुन टाना, ढकनी में खाना, मांस, मछली, दारू सब मना आज भी इसी तर्ज पर उनका जीवन चल रहा है. टाना भगत परिवार के सदस्य घर के बाहर ना तो कभी होटल में खाना पसंद करते हैं ना ही दूसरे का बनाया हुआ खाना. घर से निकलने पर टाना भगत भोजन के लिए आज भी चूड़ा-गुड़ लेकर चलते हैं. जहां मन किया सूखा चूड़ा खाकर भूख मिटा लेते हैं.

मांस-मछली व शराब का नहीं करते हैं सेवन

लोहरदगा जिले के कुड़ू प्रखंड के बंदुवा-दुबांग गांव में सबसे अधिक 70 परिवार रहते हैं. गांव जाने वाली सड़क बद है बदतर हालत में है. सबसे अधिक परेशानी बरसात में होती है. बारिश होने के बाद सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है. बंदुवा गांव निवासी टाना भगत परिवार के वासदेव टाना भगत, दामोदर टाना भगत, सुखराम टाना भगत, अनुप टाना भगत, अमित टाना भगत, कौशिक टाना भगत, सुनील टाना भगत, हीरामनी टाना भगत, मंजू टाना भगत, बुलकी टाना भगत तथा अन्य ने बताया कि टाना भगत परिवार दूसरे के यहां बनाया खाना नहीं खाते हैं. इतना ही नहीं टाना भगत परिवार साल 1914 में लिए गए संकल्प मांस, मछली व दारू के सेवन नहीं करते हैं.

टाना भगत परिवारों में शिक्षा का घोर अभाव

टाना भगतों ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सादा जीवन उच्च विचार जैसे आदर्शों से देश को आजादी दिलाई थी, उसी समय टाना भगतों ने संकल्प लिया था कि मांस-मछली तथा शराब का सेवन नहीं करेंगे. आजादी के 77 साल बाद भी इसी संकल्प के साथ जीवन बसर कर रहे हैं. टाना भगत परिवारों में शिक्षा का घोर अभाव है. राज्य में केवल दो स्थानों लोहरदगा के बमनडीहा में टाना भगत परिवार के बच्चों के शिक्षा को लेकर प्राथमिक विद्यालय एवं रांची जिले के मांडर प्रखंड के सोनचिपी में उच्च विद्यालय है. टाना भगत परिवारों ने मांग की है कि टाना भगत परिवारों के लिए टाना भगत आवासीय विद्यालय के निर्माण कराया जाए तथा टाना भगतों के लिए सामाजिक तथा धार्मिक शिक्षा की व्यवस्था की जाए.

Also Read: टाना भगत: झारखंड का एक ऐसा संप्रदाय, जो महात्मा गांधी को मानता है अवतार

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel