पाकुड़ नगर. व्यवहार न्यायालय के सभागार में शनिवार को अधिवक्ताओं एवं अधिवक्ता लिपिकों को ई-कोर्ट फाइलिंग प्रणाली का प्रशिक्षण दिया गया. यह प्रशिक्षण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह के मार्गदर्शन में दिया गया, जिसमें सिविल कोर्ट के सिस्टम असिस्टेंट नगमा परवीन का सहयोग रहा. प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर कौसर आलम और अधिवक्ता दीनानाथ गोस्वामी ने ई-कोर्ट सर्विस पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से डिजिटल फाइलिंग की प्रक्रिया विस्तार से समझाया. कौसर आलम ने बताया कि ई-कोर्ट सेवा के जरिए मुकदमा दायर करने, तारीख देखने और केस अपडेट प्राप्त करने जैसे कार्य अब मोबाइल से ही किए जा सकते हैं. भारत के किसी भी न्यायालय की जानकारी भी इस पोर्टल के माध्यम से आसानी से प्राप्त की जा सकती है. मास्टर ट्रेनर दीनानाथ गोस्वामी ने बताया कि पाकुड़ व्यवहार न्यायालय में यह सेवा फिलहाल ट्रायल मोड में है, लेकिन आने वाले समय में इसे पूर्ण रूप से लागू किया जायेगा और न्यायालय प्रणाली पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगी. इस अवसर पर पीडीजे श्री सिंह ने ई-फाइलिंग की प्रक्रिया को सहज और समय की बचत करने वाला बताया. उन्होंने जानकारी दी कि न्यायालय परिसर में दो पोटा केबिन भी स्थापित किए गए हैं, जहां से अधिवक्ता ई-फाइलिंग की सुविधा का लाभ ले सकते हैं. प्रशिक्षण के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से डिजिटल फाइलिंग की प्रक्रिया को दर्शाया गया. ट्रेनी अधिवक्ता प्रसनजीत चौबे ने बताया कि वे ई-कोर्ट ऐप का व्यवहार पहले से कर रहे हैं और भविष्य में पूरी तरह पेपरलेस न्याय प्रणाली के लिए तैयार हैं. मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमार क्रांति प्रसाद, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी वीके. दास सहित वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन उपाध्याय, विकास रंजन मिश्रा, निरंजन मिश्रा, नृपेंद्रनाथ उपाध्याय, दिब्येंदु मंडल, विनय भगत, कनिष्ठ अधिवक्ता जूली, देवनाथ घोष, स्वराज सिंह आदि मौजूद रहे.
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