हिरणपुर की पशु सखियां बन रही हैं ग्रामीण आजीविका की मिसाल प्रतिनिधि, हिरणपुर: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त हिरणपुर की पशु सखी महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में नया इतिहास रच रही हैं. प्रखंड के 14 पंचायतों में संचालित पशु स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से अब तक 20,000 से अधिक बकरियों को कृमिनाशक दवा पिलाई जा चुकी है. इस अभियान की जानकारी देते हुए जीआरसी संजय पाल ने बताया कि बकरियों में कीड़े आमतौर पर दूषित चरागाहों से लार्वा खाने के कारण होते हैं, जो उनके पाचन तंत्र को प्रभावित कर पोषण की कमी, दस्त और कमजोरी का कारण बनते हैं. कई बार यह स्थिति उनकी मृत्यु तक भी पहुंचा देती है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इस अभियान का उद्देश्य बकरियों को परजीवी रोगों से बचाकर उनकी मृत्यु दर में कमी लाना और पशुपालकों की आमदनी को सुरक्षित करना है. बीपीएम शंकर तिवारी ने बताया कि इस पहल से प्रखंड में बकरी पालन को नई गति मिली है. पशु सखियां घर-घर जाकर बकरियों को कृमिनाशक दवा पिला रही हैं. उन्होंने कहा कि यह पहल पशुपालकों के लिए लाभकारी साबित हो रही है और महिलाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है.
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