पाकुड़ नगर. झारखंड विकास परिषद की ओर से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया. अमड़ापाड़ा प्रखंड के डुमरचीर पंचायत भवन में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ पंचायत की मुखिया रामी पहाड़िन, पंचायत सचिव अबूबकार शेख, जकोब सोरेन, पानमती टुडू, राजीव रंजन व मनोरंजन सिंह ने संयुक्त रूप से किया. मुखिया रामी पहाड़ीन ने कहा कि हर वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम है बाल श्रम को समाप्त करने के लिए कार्रवाई तेज करने की तात्कालिकता, जो इस समस्या पर त्वरित प्रयास की जरूरत को दर्शाता है. कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए राजीव रंजन ने कहा कि इसका मकसद बाल श्रम के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाना. इसके दुष्परिणामों की जानकारी देना और लोगों को इसे जड़ से मिटाने के लिए प्रेरित करना है. अजय मुर्मू ने कहा कि बाल श्रम एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो बच्चों की शिक्षा, मानसिक विकास और भविष्य को प्रभावित करता है. कैलाश ठाकुर ने गरीबी को बाल श्रम की सबसे बड़ी वजह बताते हुए कहा कि इससे बच्चे विद्यालय से ड्रॉप आउट हो जाते हैं. बंधुआ मजदूरी करते हैं और अपने परिवार से अलग हो जाते हैं. उन्होंने इसे बच्चों के लिए मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से खतरनाक बताया. मनोरंजन सिंह ने कहा कि जो बच्चे स्कूल से बाहर हैं, वह बाल मजदूरी की स्थिति में हैं. कार्यक्रम में किरानी मुर्मू, मुकेश मुर्मू, प्रेम लाल, अनीता मरांडी, साइमन सोरेन, सुहागिनी मरांडी सहित अन्य मौजूद थे.
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