प्रतिनिधि, पाकुड़िया: पाकुड़िया प्रखंड के डोमनगढ़िया पंचायत अंतर्गत जामसोल गांव में पीने के पानी की भारी किल्लत बनी हुई है. गांव में मौजूद दो चापाकल और एक जलमीनार पिछले कई महीनों से खराब पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को एक-एक बूंद पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दूरबीन सोरेन, लखन सोरेन, शिवजतन टूडू, दाऊद मुर्मू, किरण हांसदा, जेठा सोरेन और धनमुनि टूडू सहित दर्जनों ग्रामीणों एवं ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव में कुल तीन चापाकल हैं, लेकिन सभी अब निष्क्रिय हो चुके हैं. किसी भी चापाकल से पानी नहीं निकल रहा है, जिससे ग्रामीणों को लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित अन्य गांव से पीने का पानी लाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि पानी की गंभीर समस्या को देखते हुए मुखिया की पहल पर फिलहाल टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. हालांकि यह केवल अस्थायी समाधान है, और इससे पूरी आबादी की आवश्यकता पूरी नहीं हो पा रही है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता चंदन कुमार सिंह ने कहा कि मुखिया की ओर से जैसे ही खराब चापाकलों की सूची उपलब्ध कराई जाएगी, मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा. मुखिया सुभाष हेम्ब्रम ने विभाग की उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गांव में कई चापाकल लंबे समय से खराब हैं, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि फिलहाल टैंकर से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए चापाकलों की मरम्मत और जलमीनार की मरम्मति आवश्यक है. ग्रामीणों ने बीडीओ से मांग की है कि जल्द से जल्द गांव के सभी चापाकलों की मरम्मत कराई जाये और बंद पड़ी जलमीनार को चालू किया जाए, ताकि इस गंभीर जलसंकट से ग्रामीणों को राहत मिल सके.
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