हूल दिवस. सरकारी व गैर सरकारी संगठनों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये, लोगों ने कहा नगर प्रतिनिधि, पाकुड़ जिले में सोमवार को हूल दिवस पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया. सिदो-कान्हू पार्क में जिला प्रशासन, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. वक्ताओं ने आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास, वीरता और बलिदान को याद करते हुए नई पीढ़ी को इससे प्रेरणा लेने का आह्वान किया. इस अवसर पर उपायुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. कार्यक्रम के दौरान डीसी ने कहा कि, हुल दिवस जनजातीय समाज की ओर से अंग्रेजी शासन के विरुद्ध प्रथम संगठित विद्रोह था, जिसने ब्रिटिश सत्ता की नींव हिला दी थी. वहीं, झामुमो जिलाध्यक्ष एजाजुल इस्लाम के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इससे पूर्व कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर शहर का भ्रमण करते हुए सिदो कान्हू पार्क पहुंचे. जिलाध्यक्ष ने कहा कि वीर शहीदों को याद करने का आज खास दिन है. हूल क्रांति के जनक अमर शहीद सिदो-कान्हू के अलावा चांद-भैरव व फूलो-झानो के साथ-साथ विद्रोह में शहादत देने वाले सभी वीरों का बलिदान झारखंड के लोगों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा. मौके पर उमर फारूक, प्रतिमा पांडे, मुस्लेउद्दीन अंसारी, जहूर आलम, तरुण मंडल, जोसेफिना हेंब्रम, मुस्लेउद्दीन शेख, राजेश सरकार, मुकेश सिंह, नुर आलम, सुशीला देवी, बैजंती देवी, हबीबुर्रहमान, तनवीर आलम, मोसरर्फ हुसैन, मोबारक हुसैन, सोनू आलम, पिंटू गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे. कांग्रेसियों ने भी किया माल्यार्पण कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीकुमार सरकार ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कहा कि यह विद्रोह भारत की पहली जनक्रांति थी. मौके पर मंशारुल हक, विधायक प्रतिनिधि गुलाम अहमद, अशद हुसैन, शाहीन परवेज, कृष्णा यादव, रामविलास महतो, वंशराज गोप, सफीक अहमद, अहेदिन शेख, मीरजहान शेख, मानिक हांसदा, जहरुल शेख, नजरुल शेख, मिथुन मरांडी, लाखफोर शेख, मो. बबलू, हंसनुज जमाद, तैमूर आलम सहित अन्य मौजूद थे. — भाजपाइयों ने भी दी श्रद्धांजलि भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी सिदो-कान्हू पार्क में श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हूल दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत की स्वतंत्रता केवल तलवारों से नहीं, बल्कि आदिवासी आत्मबल और बलिदान से भी संभव हुई. मौके पर प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी, विवेकानंद तिवारी, विश्वनाथ भगत, अनुग्रहित प्रसाद साह, रूपेश भगत, धर्मेंद्र त्रिवेदी, शबरी पाल, दीपक साह, पवन भगत, सपन दुबे, पिंकी मंडल, पार्वती देवी, रतन भगत, पार्थ रक्षित, संजीव साह सहित अन्य मौजूद थे.
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