लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ासरसा में 76वां वन महोत्सव आयोजित
संवाददाता, पाकुड़. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ा सरसा में 76वें वन महोत्सव का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सांसद विजय कुमार हांसदा, डीसी मनीष कुमार, डीएफओ सौरभ चन्द्रा, डीडीसी महेश कुमार संथालिया, सांसद प्रतिनिधि श्याम यादव, जेएमएम जिलाध्यक्ष अजिजुल इस्लाम, उपाध्यक्ष समद अली, बीडीओ संजय कुमार मौजूद थे. इस दौरान सभी अतिथियों ने पौधरोपण किया. जिलावासियों से पर्यावरण सरंक्षण के लिए पौधरोपण करने की अपील की.परिसंपत्तियों का किया गया वितरण :
सांसद विजय हांसदा सहित अन्य अतिथियों ने लाभुकों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया. अबुआ आवास योजना के लाभुकों का गृह प्रवेश, उन्नति का पहिया के तहत साइकिल, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, शिक्षा विभाग से बैग, कांपी एवं वन विभाग की ओर से रेस्क्यू किट, महुआ नेट, 11 स्वयं सहायता समूह समूह के दीदियों के बीच 30 लाख के बैंक लिंकेज का स्वीकृति पत्र का वितरण, दो लाभुकों के बीच जॉब कार्ड, सात लाभुकों के बीच नया राशन कार्ड, दो लाभुकों के बीच व्यक्तिगत वन पट्टा का वितरण किया.हमारे जीवन का आधार संतुलित पर्यावरण है : सांसद विजय हांसदा
सांसद विजय कुमार हांसदा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जीवन का आधार संतुलित पर्यावरण है. क्षेत्र के आदिवासी प्रकृति के पूजक हैं. जल, जंगल और जमीन उनकी संस्कृति का आधार है. उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की प्रचुरता पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन से ही संभव है. ऑक्सीजन बढ़ाने का सबसे कारगर उपाय प्रकृति खासकर पेड़-पौधों की सुरक्षा एवं संवर्धन है. इसके लिए लोगों में जागरुकता आवश्यक है.
आज पौधे लगाएंगे तभी आने वाला कल सुरक्षित होगा : डीसी
डीसी मनीष कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना आदि के माध्यम से जिले भर में पौधरोपण किया जा रहा है. पेड़ पौधों को लगाना और उसे बचाना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए. क्योंकि आज पेड़ लगाएंगे तभी आने वाला कल सुरक्षित होगा.
मृदा संरक्षण के लिए पौधा लगाना आवश्यक : डीएफओ
जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी सौरभ चन्द्रा ने कहा कि मृदा संरक्षण के लिए पौधा लगाना अति आवश्यक है. इससे आप आय भी अर्जित कर सकते हैं. इससे शुद्ध हवा, फल, फूल, जल संरक्षण, जलावन की लकड़ी आदि का लाभ भी मिलता है. उन्होंने कहा कि परती भूमि पर पौधरोपण करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि पर्यावरण का संरक्षण होता रहे. लिट्टीपाड़ा में आठ हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है.
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