संवाददाता, पाकुड़. प्राकृतिक आपदा कब और कैसे आ जाए, इसका अंदाज़ा लगाना कठिन होता है. लेकिन सूझ-बूझ और तत्परता से बड़े हादसे को भी टाला जा सकता है. ऐसा ही उदाहरण शुक्रवार को अमड़ापाड़ा प्रखंड स्थित पचुवाड़ा सेंट्रल कोल ब्लॉक में सामने आया, जब बारिश के कारण खदान में अचानक पानी, मिट्टी और पत्थरों का तेज बहाव शुरू हो गया. स्थिति इतनी भयावह थी कि खदान में मौजूद अफसरों और कर्मचारियों की जान जोखिम में पड़ गयी. परंतु उनकी सजगता और एकजुटता से एक बड़ा हादसा टल गया. दोपहर बाद की इस घटना में पीएसपीसीएल के एसीएम चन्दन कुमार पंडित, शिफ्ट इंचार्ज अंकित कुमार, मैकेनिकल सुपरवाइजर अमित हाजरा और इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर शांतनु पॉल बोलेरो वाहन से खदान निरीक्षण कर लौट रहे थे. उसी दौरान खदान के भीतर अचानक से पानी के तेज बहाव के साथ भारी मात्रा में मिट्टी और पत्थर बहते हुए घुसने लगे, जिससे उनका वाहन वहीं फंस गया. हालांकि खदान में तैनात पोकलेन और लोडर मशीनों के चालकों ने बिना देर किए मोर्चा संभाला. एक लोडर की मदद से बोलेरो वाहन को बहाव में बहने से रोका गया. वहीं दूसरे लोडर के बकेट में अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. इस दौरान खदान के भीतर काम कर रहे लगभग 20 अन्य कर्मचारी भी फंस गए थे, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से मशीनों की सहायता से सुरक्षित निकाला गया. घटना के बाद खदान क्षेत्र में हड़कंप मच गया. परन्तु मौके पर मौजूद टीम की सक्रियता, तकनीकी कौशल और टीमवर्क के कारण जनहानि नहीं हुई. घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के समय तत्परता ही सबसे बड़ा बचाव है.
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