संवाददाता, पाकुड़. स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के तहत जिला जल स्वच्छता समिति की ओर से कचरा प्रबंधन पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में जल सहिया दीदी ग्रामीणों को घर में एक बोरा रखने और उसमें प्लास्टिक का कचरा जमा करने की जानकारी दे रही हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक या पॉलीथिन इधर-उधर ना फेंक कर बोरा में ही एकत्रित करने की अपील कर रही हैं. बताया जाता है कि प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है, जैसे प्लास्टिक कूड़ा नाले में बह कर जाता है और पानी के स्रोत को बंद कर देता है. रिसाव के कारण भूमि के ऊपर और भूमि के नीचे का जल स्रोत दूषित हो जाता है. खाद्य पदार्थों के साथ फेंके जाने पर आवारा पशु उसे खा जाते हैं, जिससे उनकी मौत भी हो जाती है. कुछ लोग इसे जलाकर समाप्त करने की कोशिश करते हैं जो गलत है और यह पर्यावरण को दूषित करता है. हर हाल में हमें कचरे को नहीं जलाना चाहिए. विभाग द्वारा एकत्रित किए गए पॉलीथिन को समय-समय पर संग्रह कर सड़क बनाने या सीमेंट फैक्ट्री में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है