लिट्टीपाड़ा. प्रखंड के रांगा स्थित डिग्री कॉलेज में शुक्रवार को मांझी-परगना व्यवस्था के बैनर तले प्रखंड के सभी गांवों के मांझी, नायकी और गुड़ीत की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. विधायक हेमलाल मुर्मू ने अपने संबोधन में आदिवासियों को मिलने वाले हक और अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि देश में आदिवासी जनसंख्या करीब 12 करोड़ होने के बावजूद आदिवासियों का अब तक कोई धर्मकोड नहीं है, जो बहुत बड़ी विडंबना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासियों के अधिकारों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इस लड़ाई को हम सभी को मिलकर लड़ना होगा. उन्होंने बताया कि पहले आदिवासी समुदाय के भूमि विवाद संबंधित मामलों में केवल 500 रुपये तक के दावों की सुनवाई अनुमंडल पदाधिकारी स्तर पर होती थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 1,20,000 रुपये कर दी गयी है, ताकि समुदाय को त्वरित न्याय मिल सके. विधायक ने स्पष्ट किया कि जब तक सरना धर्मकोड लागू नहीं होता, तब तक जाति जनगणना नहीं होने दी जाएगी. यह हमारी अस्मिता की लड़ाई है. बैठक में झामुमो जिला अध्यक्ष इजाजुल इस्लाम, प्रखंड अध्यक्ष प्रसाद हांसदा, दानियल किस्कू, सुनील मुर्मू, सुलेमान मुर्मू, रंजन साहा सहित बड़ी संख्या में मांझी-नायकी पदाधिकारी और ग्रामीण मौजूद थे.
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