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4.63 करोड़ से बनकर तैयार ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना का लोगों को नहीं मिल रहा है लाभ

पाकुड़. जून की तपिश में पानी की समस्या अमड़ापाड़ा बाजारवासियों के लिए परेशानियों का सबब बन गया है.

जून की तपिश में अमड़ापाड़ा बाजारनिवासी पेयजल के लिए हैं परेशान

संवाददाता, पाकुड़. जून की तपिश में पानी की समस्या अमड़ापाड़ा बाजारवासियों के लिए परेशानियों का सबब बन गया है. 4 करोड़ 63 लाख 81 हजार 864 रुपए की लागत से अमड़ापाड़ा ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना 7 साल पहले तैयार हुई थी, लेकिन मोटर सहित अन्य तकनीकी खामियों के कारण पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे में लोगों को पानी के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है. मालूम हो कि आज से लगभग 7 साल पहले तक बाजार क्षेत्र में निवास करने वाले साधारण तबके के लगभग 800 परिवार गर्मी के मौसम में शीतल पेयजल सहित अन्य घरेलू कार्य को पूरा करने के लिए क्षेत्र की जीवनधारा कही जाने वाली बांसलोई नदी पर निर्भर रहते थे. गर्मी के मौसम में बांसलोई का जलस्तर कम हो जाने के बावजूद लोग पानी निकालने के लिए नदी में छोटे-छोटे गड्ढे खोद कर आसानी से पानी निकाल कर अपनी जरूरत को पूरा कर लेते थे, लेकिन बांसलोई नदी से बालू के दोहन से अब नदी में पानी तो दूर, बल्कि बालू के स्थान पर मिट्टी के टीले और पेड़-पौधे नजर आते हैं.

शोभा की वस्तु बनीं अमड़ापाड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना

बदलते समय के साथ और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए वर्तमान समय में बाजार क्षेत्र में रहने वाले लगभग 1600 परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने वर्ष 2018 में 4 करोड़ 63 लाख 81 हजार 864 रुपए की लागत से अमड़ापाड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना अंतर्गत बांसलोई नदी में एक इंटेक वेल सहित 2 लाख 50 हजार लीटर के एक पानी टंकी एवं 1 लाख 10 हजार लीटर की क्षमता वाला एक पानी की टंकी का निर्माण कराया था. उस वक्त लोगों के बीच यह उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें पेयजल सहित अन्य घरेलू कार्यों के लिए बांसलोई पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, लेकिन यह योजना फिलहाल शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. गौरतलब है कि बाजार क्षेत्र एवं बासमती गांव में लगभग 1600 परिवारों ने ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के तहत पानी का कनेक्शन लिया है.

क्या कहते हैं बीडीओ

अमड़ापाड़ा बीडीओ ने बताया कि जलापूर्ति योजना शुरू करने को लेकर जेइ को एस्टिमेट बनाने का निर्देश दिया गया है. एस्टिमेट बन जाने के बाद के उपायुक्त कार्यालय को भेजा जायेगा. प्रयास है कि डीएमएफटी फंड से इसकी मरम्मत करवाकर जल्द पेयजलापूर्ति शुरू की जाए.

-प्रमोद कुमार गुप्ता, बीडीओ, अमड़ापाड़ा

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Prabhat Khabar News Desk
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