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पलामू टाइगर रिजर्व से 35 गांव के लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू

International Tiger Day: झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व से 35 गांवों के लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. पीटीआर के निदेशक ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि जयगीर गांव के 160 लोगों को आरक्षित क्षेत्र से बाहर पुनर्वासित किया जा चुका है. तीन साल में सभी लोगों के पुनर्वास का लक्ष्य रखा गया है.

International Tiger Day: झारखंड वन विभाग ने बाघों के लिए एक बेहतर आवास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पलामू बाघ अभ्यारण्य (पीटीआर) के 35 गांवों के लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि वन सीमा के अंतर्गत जयगीर गांव में रहने वाले लगभग 160 लोगों को पहले ही आरक्षित क्षेत्र से बाहर पुनर्वासित किया जा चुका है.

जयगीर गांव के लोग पोलपोल में किये गये स्थानांतरित

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर पीटीआर (Palamu Tiger Reserve) के निदेशक एसआर नतेश ने बताया कि जयगीर गांव के लोगों को पलामू जिले में आरक्षित क्षेत्र के बाहर स्थित पोलपोल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि कुजरुम और लाटू इन 2 गांवों के ग्रामीणों का भी पुनर्वास करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.’

10 हजार की जनसंख्या वाले 35 गांव आरक्षित वन क्षेत्र में

यहां एक अन्य अधिकारी ने बताया कि लगभग 10 हजार की जनसंख्या वाले करीब 35 गांव आरक्षित वन के मुख्य क्षेत्र में हैं, जहां अक्सर मानव-वन्यजीव संघर्ष होता रहता है. पीटीआर के 1,129.93 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से 414.08 वर्ग किलोमीटर बाघों के निवास के लिए महत्वपूर्ण यानी मुख्य क्षेत्र है और शेष 715.85 वर्ग किलोमीटर को ‘बफर जोन’ के रूप में चिह्नित किया गया है.

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226.32 वर्ग किमी में फैला है बेतला राष्ट्रीय उद्यान

कुल क्षेत्रफल में से 226.32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बेतला राष्ट्रीय उद्यान के रूप में नामित है, जबकि बफर जोन में 53 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर्यटकों के लिए खुला है. पीटीआर के उप निदेशक प्रजेश जेना ने बताया कि सभी 35 गांवों के ग्रामीणों का चरणबद्ध तरीके से आरक्षित क्षेत्र से बाहर पुनर्वास किया जायेगा. पहले चरण में 10 गांवों के ग्रामीणों का पुनर्वास होगा, जिनमें से 3 दक्षिणी प्रभाग में और 7 पीटीआर के उत्तरी प्रभाग में हैं.

International Tiger Day: लाटू और गुजरुम के परिवारों का हुआ पुनर्वास

उन्होंने बताया कि लाटू में लगभग 80 घर और कुजरुम में 50 से अधिक घर हैं. कुजरुम से 10 परिवारों का पहले ही पोलपोल में पुनर्वास किया जा चुका है. जेना ने बताया कि 3 गांवों के ग्रामीणों का पुनर्वास किये जाने के बाद, हम मंडल बांध क्षेत्र से 7 और गांवों का लातेहार जिले के सरजू प्रखंड के लाई-पैला पत्थल गांव में पुनर्वास करवायेंगे. इसी तरह, दूसरे चरण में 10 गांवों के ग्रामीणों का पुनर्वास किया जायेगा.

3 साल में 35 गांवों के पुनर्वास का है लक्ष्य

उन्होंने कहा कि पीटीआर अधिकारियों ने अगले 3 वर्षों में सभी 35 गांवों का पुनर्वास किये जाने का लक्ष्य रखा है. जेना ने कहा कि पीटीआर पुनर्वास नीति के अनुसार, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को एक इकाई या परिवार माना गया है और वह 15 लाख रुपए नकद या 2 हेक्टेयर भूमि का हकदार होगा. कैमरे की तस्वीरों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी अब 6 बाघों की गतिविधियां यहां दर्ज किये जाने का दावा कर रहे हैं.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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