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झारखंड के प्रसिद्ध बेतला नेशनल पार्क में पर्यटकों की एंट्री बंद, बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

Jharkhand News: झारखंड के पलामू जिला स्थित प्रसिद्ध बेतला नेशनल पार्क में पर्यटकों की एंट्री बंद कर दी गई है. 3 महीने के लिए. क्या है इसकी वजह, यहां पढ़ें.

Jharkhand News|बेतला (पलामू), संतोष कुमार : झारखंड के प्रसिद्ध बेतला नेशनल पार्क में पर्यटकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए ) के निर्देश पर पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. इसके साथ ही बेतला नेशनल पार्क की सुरक्षा-व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है.

पलामू टाइगर रिजर्व में 3 महीने तक रहती है पर्यटकों की नो एंट्री

बरसात के कारण 1 जुलाई से 3 महीने के लिए हर साल पलामू टाइगर रिजर्व में नो एंट्री लगा दी जाती है. अब 30 सितंबर तक बेतला नेशनल पार्क का भ्रमण पर्यटक नहीं कर सकेंगे. पार्क में उनके प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी. 1 अक्टूबर से बेतला नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए फिर से खोला जाएगा.

वन्य प्राणियों के प्रजनन काल में हर साल बंद हो जाता है पार्क

बेतला नेशनल पार्क के रेंजर शंकर पासवान ने कहा कि वन्य प्राणियों के प्रजनन काल को देखते हुए हर साल मानसून के सीजन में पलामू और लातेहार जिले की सीमा पर स्थित पलामू टाइगर रिजर्व, जिसे बेतला नेशनल पार्क भी कहते हैं, को बंद कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि पार्क बंद होने के बाद जंगल की सुरक्षा और बढ़ा दी जाएगी. पेट्रोलिंग तेज होगी. जगह-जगह पर बनाये गये वाच टावर को भी सक्रिय कर दिया जाएगा.

Betla National Park Closed For Monsoon Season Palamu News Jharkhand 1
बेतला टाइगर रिजर्व में विचरण करता हाथी. फोटो : प्रभात खबर

पार्क में आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी

उन्होंने बताया कि सभी वनकर्मियों को इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश दिया गया है. नेशनल पार्क के बंद होने के किसी भी तरह की कोई आपराधिक गतिविधि नहीं हो, इसके लिए भी पूरी सुरक्षा व्यवस्था-मजबूत की गयी है. उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए कई आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं. यही कारण है कि जंगल व जानवर पूरी तरह सुरक्षित हैं.

6000 हिरण समेत अन्य जानवर लेंगे चैन की सांस

बेतला नेशनल पार्क के बंद रहने से पार्क के अंदर मौजूद जंगली जानवरों को सुकून मिलता है. दर्जनों वाहनों के आवागमन से जंगली जानवर स्वतंत्र रूप से जंगल में विचरण करने में स्वयं को असहज महसूस करते हैं. प्रजनन काल के दौरान उनकी परेशानी और बढ़ जाती है.

बेतला नेशनल पार्क में 6000 हिरण समेत रहते हैं ये जानवर

बेतला नेशनल पार्क में 6000 हिरण सहित इतनी ही संख्या में बंदर, लंगूर बायसन, हाथी, तेंदुआ, लकड़बग्घा, जंगली बोर सहित कई अन्य जंगली जानवर मौजूद हैं. पार्क बंद होने से पर्यटक तो जंगली जानवरों का दीदार नहीं कर सकेंगे, लेकिन जानकार बताते हैं कि इससे जंगली जानवरों को काफी राहत मिलेगी.

खुले रहेंगे रेस्ट हाउस, कैंटीन के अलावा अन्य पर्यटन स्थल

बेतला नेशनल पार्क को 3 महीने के लिए बंद किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान यदि कोई सैलानी बेतला पहुंचता है, तो वह रेस्ट हाउस में ठहर सकता है. बेतला में वन विभाग के सभी रेस्ट हाउस खुले रहेंगे .कैंटीन भी खुले रहेंगे. लोग पलामू किला, केचकी संगम, मिरचईया जल प्रपात सहित आसपास के दर्जनों पर्यटन स्थल का दीदार कर सकेंगे.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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