24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

इंदिरा गांधी से सम्मानित पलामू के पूर्व IFS अधिकारी व्यास सिंह का निधन

समाज के प्रति व्यास सिंह काफी सजग थे इसलिए सामाजिक कार्यों में उनकी रूचि रही थी. वह इन आयोजन को लेकर निरंतर सक्रिय रहे और पर्यावरण की रक्षा के प्रति भी गंभीर रहे. कई सामाजिक संगठनों को उन्होंने समाज के प्रति जिम्मेवारी निभाने के लिए प्रेरित करते रहे.

सैकत चटर्जी / पलामू

पलामु के पूर्व आईएफएस अधिकारी व्यास सिंह का शनिवार को रांची में इलाज के दौरान निधन हो गया. व्यास सिंह पलामू टाइगर रिजर्व के एक कुशल वन पदाधिकारी के रूप में देश भर में जाने जाते थे. वे बीजेपी के किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ज्योतिरीश्वर सिंह के पिता है. वे पिछले कुछ महिनों से बीमार चल रहे थें. शनिवार को इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई.

1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिला था सम्मान

1973 में पलामू टाइगर रिजर्व के गठन के बाद से इस वन क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए व्यास सिंह को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1983 में सम्मानित भी किया था. इसके अलावा भी इस समय पलामू टाइगर रिजर्व में वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए उन्हें देश के कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया था.

Undefined
इंदिरा गांधी से सम्मानित पलामू के पूर्व ifs अधिकारी व्यास सिंह का निधन 4

पुस्तक बाघ, वायलिन और बंदूक के लिए भी हुई थी चर्चा

सेवानिवृत होने के बाद साहित्य सृजन में उनकी रुचि जगी और उन्होंने बेतला सहित पलामू टाइगर रिजर्व में उनके कार्यकाल के रोचक पहलुओं को कलमबद्ध करना शुरू किया. बेतला के रोचक संस्मरण पर आधारित उनकी पुस्तक बाघ, वायलिन और बंदूक की खूब चर्चा हुई और उन्हें खूब प्रसिद्धि मिली. व्यास सिंह अपने आवास पर कई कवि सम्मेलन भी आयोजित करते रहते थे.

Undefined
इंदिरा गांधी से सम्मानित पलामू के पूर्व ifs अधिकारी व्यास सिंह का निधन 5

सामाजिक कार्यों में भी खूब रही भागीदारी

समाज के प्रति वे काफी सजग थे इसलिए सामाजिक कार्यों में उनकी रूचि रही थी. वह इन आयोजन को लेकर निरंतर सक्रिय रहे और पर्यावरण की रक्षा के प्रति भी गंभीर रहे. कई सामाजिक संगठनों को उन्होंने समाज के प्रति जिम्मेवारी निभाने के लिए प्रेरित करते रहे.

Also Read: Jharkhand : अधिसूचना जारी होने के कुछ देर बाद IPRD के सचिव के अतिरिक्त प्रभार से हटाये गए विनय कुमार चौबे

1963 में स्नातक करने के बाद से ही जंगलों से रुचि जगी

1963 में व्यास सिंह रांची विश्वविद्यालय से स्नातक की, उसके बाद से ही उनका लगाव जंगल और उसमे रहने वाले जीव जंतुओं से हुआ. जो बाद में उन्हें वन विभाग की नौकरी के लिए खींच लाई. नौकरी में रहते हुए भी उन्होंने जंगल बचाने के लिए कई सराहनीय कार्य किए.

रविवार को होगा अंतिम संस्कार

वह मूल रूप से हुसैनाबाद के लोहरपुरा गांव के रहने वाले है .बीजेपी नेता व्यास सिंह के पुत्र ज्योतिरीश्वर सिंह ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार रविवार को मेदिनीनगर में होगा. स्वर्गीय सिंह अपने पिछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये है. उनके निधन की खबर मिलते है उनके पैतृक आवास लोहरपुरा गांव में शोक व्याप्त है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel