रांची. झारखंड की डायल 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा एक बार फिर से सुचारू हो गयी. राज्यभर में 54 घंटे की हड़ताल के बाद एंबुलेंस के सायरन एक बार फिर से गुंजने लगे. पिछले दो दिनों से जारी हड़ताल समाप्त करने की सहमति स्वास्थ्य विभाग के साथ भारतीय मजदूर संघ और सेवा प्रदाता कंपनी के साथ त्रिपक्षीय समझौते के बाद बनी. समझौते के बाद झारखंड में एंबुलेंस कर्मचारियों को अब कुशल श्रमिक की श्रेणी की मान्यता दी जायेगी. इसके साथ ही कर्मचारियों को इपीएफ सुविधा के साथ हर महीने समय पर मानदेय और स्वास्थ्य विभाग ने सेवा प्रदाता कंपनी को ओवरटाइम भुगतान करने का निर्देश दिया है.
सम्मान फाउंडेशन ने सभी समझौतों को मान लिया है.
बैठक के बाद झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ के नीरज तिवारी ने सरकार से बातचीत के बाद हड़ताल वापस लेने की घोषणा की और तत्काल हड़ताली एंबुलेंस चालकों और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (इएमटी) कर्मियों को काम पर लौटने को कहा. इसके पहले हड़ताल के व्यापक प्रभाव को देखते हुए नेपाल हाउस में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी शशि प्रकाश झा, झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी अबु इमरान, परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त डॉ प्रवीण प्रकाश और 108, 104 और एनजीओ के स्टेट नोडल पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार सिन्हा, सम्मान फाउंडेशन की ओर से रीजनल मैनेजर योगेश कुमार, मेंटिनेंस मैनेजर राजेश कुमार, संघ से कुणाल बनर्जी, मुकेश कुमार, मृत्युंजय कुमार सहित कुछ अन्य शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है