Babulal Marandi: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) ने जिला शिक्षा अधीक्षकों (डीईओ) को 1700 पारा शिक्षकों को नौकरी से हटाने का निर्देश दिया है. यह कार्रवाई तब हुई, जब जांच में सामने आया कि इन 1700 पारा शिक्षकों ने गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री ली है. अब जेईपीसी के इस एक्शन पर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार को घेरा है. इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट किया है.
सहायक अध्यापकों को नौकरी से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण- बाबूलाल मरांडी
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा 1700 से अधिक सहायक अध्यापकों को नौकरी से हटाने का निर्देश अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. ये शिक्षक पिछले 15 से 20 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे हैं और दूरदराज क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. इन शिक्षकों को हटाने से न केवल उनका भविष्य संकट में आ जाएगा. बल्कि इससे शिक्षा व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ेगा.
झारखंड सरकार द्वारा 1700 से अधिक सहायक अध्यापकों को नौकरी से हटाने का निर्देश अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 2, 2025
ये शिक्षक पिछले 15 से 20 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे हैं और दूरदराज़ क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इन शिक्षकों को हटाने से न केवल उनका भविष्य संकट में…
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सीएम शिक्षकों के अनुभव और सेवा को सम्मान दें
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि शिक्षकों के अनुभव और सेवा को सम्मान दिया जाना चाहिए. यदि आवश्यक हो, तो उनके लिए एक विशेष मूल्यांकन प्रक्रिया या वैकल्पिक उपाय अपनाए जाएं जिससे उनकी नौकरी सुरक्षित रह सके और शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित न हो.
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