रांची. राजधानी में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. इन कुत्तों के कारण छोटे बच्चों का स्कूल जाना और गली में खेलना तक दूभर हो गया है. शहर के कई हिस्सों में आवारा कुत्ते छोटे बच्चों को घायल कर चुके हैं. डॉग बाइट के शिकार कई बच्चे तो इतनी गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं कि उन्हें डे केयर में भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है. मामले की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि पिछले एक महीने में 6,748 लोगों ने अस्पताल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाया है, जबकि 2022 में इसी दौरान करीब 3,338 लोगों ने सदर में आकर अपना उपचार कराया था. दो साल में कुत्तों के काटने की 3,410 घटनाएं बढ़ गयीं. इलके अलावा निजी अस्पतालों में इलाज कराने वालों की संख्या इससे अलग है. बावजूद रांची नगर निगम आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है. सोमवार को डॉग बाइट को लेकर 539 लोगों ने इंजेक्शन लगवाया, जिसमें पहली बार सूई लेने वालों की संख्या 85 थी.
पेट लवर भी हो रहे आवारा कुत्तों का शिकार
मोरहाबादी का नीतीश घर के सामने खेल रहा था. अचानक आवारा कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया. जिससे उसके हाथ पर खरोंच लगी. लालपुर इलाके में विनय प्रसाद अपने पेट डॉग के साथ वॉक पर जा रहे थे, इसी दौरान आवारा कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गये. वहीं, सुमन खलखो को एक पालतू बिल्ली ने अपना शिकार बना लिया. दीपाटोली रोड नंबर-5 के श्री बालाजी अपार्टमेंट के गार्ड मंटू कुमार ने बताया कि आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने से उन्हें हर समय मुख्य दरवाजा बंद रखना पड़ रहा है. इन दिनों आवारा कुत्ते ज्यादा आक्रामक दिखायी दे रहे हैं. इनमें से कई को गंभीर चोट या स्किन की बीमारी है.
शिकायतों को नगर प्रशासन गंभीरता से ले
शहर में आवारा कुत्तों से नागरिकों को भयमुक्त रखने की व्यवस्था नहीं है. आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों की परेशानी के संबंध में शिकायतों को नगर प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए.
प्रीति चौबे, पीड़ित बच्चे की मां———————–
हर दिन कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. काम पर जाने और देर रात घर लौटते वक्त डर लगा रहता है. पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया है.आशीष साहू, सुगनी, बूटी मोड़
———————–स्ट्रीट डॉग के डर से कई बार आधे रास्ते से लौटना पड़ जाता है. कुत्ते अक्सर पीछा करने लगते हैं. बचने के प्रयास के बावजूद कुत्ते ने उंगलियों में काट लिया.
सेत बाड़ा, डंगराटोली———————–डॉग बाइट के मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन उपलब्ध है. रोजाना सौ से ज्यादा लोगों का इलाज हो रहा है. बच्चों को आइसीयू में डॉक्टरों के परामर्श के बाद ही इंजेक्शन लगाया जा रहा है.
डाॅ बिमलेश सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पतालडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है