महिलाओं और युवतियों के विरुद्ध हिंसा से निपटने के लिए संस्थागत तंत्र को सशक्त करने पर दो दिनी कार्यशाला
रांची. सार्वजनिक नीति अनुसंधान केंद्र की ओर से महिलाओं और युवतियों के विरुद्ध हिंसा से निपटने के लिए संस्थागत तंत्र को मजबूत करने पर मंगलवार को लालपुर के एक होटल में कार्यशाला हुई. उदघाटन कोलकाता स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की वाणिज्यदूत कैथी जाइल्स डियाज ने किया. मुख्य अतिथि समाज कल्याण निदेशक किरण कुमारी पासी, झालसा की सदस्य सचिव, मुख्य जिला न्यायाधीश, कुमारी रंजना अस्थाना थीं. यह कार्यक्रम कोच्चि स्थित सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च द्वारा, भारत में अमेरिकी मिशन के सहयोग से किया गया. जाइल्स डियाज ने कहा कि सहयोग हमारे दृष्टिकोण का मूल है और इसलिए आप सभी का यहां होना महत्वपूर्ण है. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के तहत अमेरिकी सरकार की वैश्विक स्तर पर महिलाओं और युवतियों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. समाज कल्याण निदेशक ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना जैसी सरकारी योजनाएं महिलाओं को स्वयं पर खर्च करने की शक्ति देती है. लेकिन, राज्य में शराबखोरी, घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा, यौन उत्पीड़न और बाल विवाह की घटनाएं अधिक हैं. सीपीपीआर के अध्यक्ष डॉ डी धनुराज ने बताया कि यह कार्यशाला पांच भारतीय राज्यों, जिनमें झारखंड भी शामिल है में की जा रही एक राष्ट्रीय स्तर की व्यापक अध्ययन का हिस्सा है. कार्यशाला में भारत और अमेरिका से कई प्रमुख वक्ताओं और क्षेत्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया. मौके पर अंजलि प्रसाद गुंटूर, ध्वनि फाउंडेशन की मास्टर ट्रेनर रेशमा सिंह, आइसीआरडब्ल्यू एशिया की वरिष्ठ निदेशक डॉ पदमा देवस्थली, ग्रामीण विकास विभाग की सह प्रोफेसर डॉ राजश्री वर्मा, जेएसएलपीएस की राज्यस्तरीय लैंगिक समन्वयक नूपुर गुंजन एक्का, रफत फरजाना, रोहित कुमार शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है