रांची. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड व झारखंड सांख्यिकी सोसाइटी के सामूहिक सहयोग से आरसीएच सभागार, नामकुम में एक साझा परिचर्चा का आयोजन किया गया. मौके पर अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि सांख्यिकी यानी डेटा से जुड़ी सारी गतिविधियों को सही रूप से आकलन करना मुश्किल है. लोग सांख्यिकी को गणित का सिर्फ एक अंग समझते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि गणित ही सांख्यिकी का एक भाग है. उन्होंने सांख्यिकी पर माह में कम से कम एक बार सेमिनार आयोजित करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने जिला डाटा प्रबंधक को निर्देश देते हुए कहा कि सभी आंकड़े काफी महत्वपूर्ण हैं, इसे समझें और गलत डाटा की जानकारी किसी को न दें, क्योंकि पूरी दुनिया आज डेटा पर ही निर्भर है. झारखंड सांख्यिकी सोसाइटी से सचिव प्रो डॉ एसबी सिंह ने कहा कि आज का दिन पद्म विभूषण से सम्मानित प्रो डॉ प्रशांत चंद्र महालनोबिस की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने भारत में आधुनिक सांख्यिकी प्रणाली की नींव रखी. हर वर्ष 29 जून को उनका जन्मदिन राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है. झारखंड सांख्यिकी सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ सौभिक चक्रवर्ती ने कहा कि आज हम इस अवसर को राष्ट्रीय सैंपल सर्वे के 75 वर्ष विषय पर आधारित संगोष्ठी के रूप में मना रहे हैं. प्रो महालनोबिस के प्रमुख योगदानों में इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट की स्थापना, बड़े पैमाने पर सैंपल सर्वे का प्रारंभ और इसका विकास शामिल है. इस दौरान नोडल पदाधिकारी, डेटा सेल डॉ रंजीत प्रसाद, डॉ लाल माझी, डेटा सेल से अनिमा किस्कू, सुबोध कुमार, जिला से सभी जिला डाटा प्रबंधक, प्रो डॉ एसबी सिंह, सचिव, डॉ उषा शुक्ला, डॉ राजेश कुमार, एम्स देवघर से रंधीर कुमार सहित विभाग के तमाम कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित थे.
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