रांची.
राजधानी रांची की सड़कें इन दिनों जाम से कराह रही हैं. मुख्य सड़कों से लेकर गली-मोहल्ले को जोड़ने वाले बाइलेन में हर दिन घंटों जाम लग रहा है. आम लोगों को इस रोजमर्रा के जाम से दो-चार होना पड़ रहा है. अक्सर इस समस्या के लिए ऑटो और ई-रिक्शा की बेलगाम बढ़ती संख्या को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन यह केवल आधी सच्चाई है. इस जाम में नगर निगम की भूमिका भी कम नहीं है. क्योंकि, शहर में दौड़ रहे 23 हजार से अधिक ऑटो और ई-रिक्शा के लिए पर्याप्त पार्किंग या स्टैंड की व्यवस्था नहीं है. मजबूरन, चालक यात्रियों को चढ़ाने-उतारने या थकान मिटाने के लिए सड़कों पर ही अपने वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है.23 हजार से अधिक ऑटो व ई-रिक्शा, स्टैंड सिर्फ तीन
रांची नगर निगम क्षेत्र में 23 हजार से अधिक ऑटो व ई-रिक्शा सड़कों पर चल रहे हैं. जबकि, इन वाहनों के पड़ाव के नाम पर शहर में सिर्फ तीन स्टैंड (पड़ाव) हैं. रातू रोड न्यू मार्केट, अरगोड़ा चौक और संत जेवियर कॉलेज के समीप पड़ाव है. वहीं, तीनों ही स्टैंड में वाहन खड़ा करने की कोई निर्धारित जगह नहीं है. कमाई के चक्कर में रांची नगर निगम ने यहां सड़क को स्टैंड घोषित कर बंदोबस्त कर दिया है.
राज्य गठन को 25 साल हो गये, एक स्टैंड तक नहीं बनवा पाया निगम
शहरी परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग जरूरी है. ताकि, लोग अपने वाहन को सड़क से हटाकर पार्किंग या स्टैंड में खड़ा कर सकें. लेकिन, राज्य गठन के 25 साल होने के बाद भी रांची नगर निगम द्वारा अब तक एक भी स्टैंड ऐसा नहीं बनाया गया है, जो व्यवस्थित हो. आज भी नगर निगम हर साल सड़कों को ही स्टैंड के नाम पर बंदोबस्त कर देता है.
सालाना 1.60 करोड़ से अधिक कमाता है निगम
ऑटो पड़ाव या स्टैंड के नाम पर भले ही शहर में कोई व्यवस्थित जगह नहीं है. लेकिन, न्यू मार्केट ऑटो स्टैंड, अरगोड़ा पड़ाव व संत जेवियर कॉलेज पड़ाव की बंदोबस्ती कर हर साल रांची नगर निगम 1.60 करोड़ से अधिक की कमाई करता है.
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