आर्चबिशप विसेंट आईंद व बिशप थियोडोर मास्करेहंस ने शोक व्यक्त किया
रांची. आर्चबिशप विसेंट आईंद ने गुरुजी के निधन पर शोक व्यक्त किया. अपने संदेश में उन्होंने कहा कि अत्यंत दुख और पीड़ा का अनुभव करते हुए मैं आदरणीय शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. एक ऐसे महान नेता जिन्हें जनजातीय समाज में सम्मानपूर्वक दिशोम गुरु कहा जाता है. उनका संपूर्ण जीवन संघर्ष, सेवा और समाज के वंचित तबके की आवाज बनने के लिए समर्पित रहा. उन्होंने आदिवासी समाज की अस्मिता, अधिकार और गरिमा की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, वह प्रेरणास्पद और अनुकरणीय है. झारखंड राज्य उनके संघर्ष के लिए चिरकाल तक ऋणी रहेगा. दिशोम गुरु न केवल एक राजनेता रहे, बल्कि वे जनजातीय चेतना के प्रतीक और सामाजिक न्याय के सच्चे प्रहरी रहे हैं. उनकी सादगी, ईमानदारी और आदर्शों से भरा जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.झारखंड की धड़कन थे गुरुजी : बिशप मास्करेहंस
डालटनगंज के बिशप थियोडोर मास्करेहंस ने गुरुजी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन केवल राजनेता नहीं थे वे झारखंड की आवाज और धड़कन थे. राज्य के संस्थापक और निर्माता के रूप में उन्होंने यहां के लोगों विशेषकर गरीबों और आदिवासियों के दीर्घकालिक सपनों को साकार किया. हालांकि वे अपने सपने के झारखंड को पूरी तरह साकार देखने के लिए जीवित नहीं रहे. लेकिन, न्याय, सम्मान और सशक्तीकरण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक ऐसी विरासत छोड़ गयी है जो पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. बिशप थियोडोर ने कहा कि स्व कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो के साथ उनका विशेष संबंध था और दोनों दिग्गजों ने झारखंड और यहां के लोगों के हित में दूसरों के साथ मिलकर काम किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है