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आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों से ऐसे पैसे ऐंठ रहे झारखंड के अस्पताल

Ayushman Bharat Yojana: झारखंड के अस्पताल अब आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों से गलत तरीके से पैसे लेने लगे हैं. गरीब मरीजों से 25 से 35 हजार देने को मजबूर हैं.

Ayushman Bharat Yojana| रांची, राजीव पांडेय : झारखंड के अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों से पैसे ऐंठने का नायाब तरीका निकाल लिया है. मरीजों के परिजनों को गलत जानकारी देकर अलग से पैसे देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. पहले कुछ अस्पताल ही ऐसा करते थे, लेकिन अब खुलेआम यह सब हो रहा है. प्रभात खबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रांची के रातू रोड की रहने वाली यमुना देवी लोगों के घरों में झाडू लगाने और बर्तन धोने का काम करती हैं. इलाज कराने के लिए जगन्नाथपुर के एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल गयीं. वहां उनसे कहा गया कि इस पैकेज में बीमारी का इलाज नहीं हो सकता. अगर अलग से 25,000 रुपए देंगे, तो इलाज हो जायेगा, लेकिन इसका बिल नहीं मिलेगा. किसी तरह परिजनों ने पैसे का इंतजाम किया और बिना बिल लिये ही यमुना देवी का इलाज करवाया.

सविता कुमारी से सर्जरी के लिए अलग से लिये 35,000 रुपए

ऐसा ही पिस्का मोड़ निवासी सविता कुमारी (बदला हुआ नाम) के साथ भी हुआ. उन्होंने हरिहर सिंह रोड स्थित एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में दिल का इलाज कराया. उनके पास 70 साल से अधिक उम्र वाला आयुष्मान कार्ड था. परिजन अस्पताल पहुंचे, तो बताया गया कि आयुष्मान पैकेज में इलाज संभव नहीं है. बाद में कहा कि इलाज तो हो जायेगा, लेकिन 35,000 रुपए अलग से देने होंगे. इसका बिल नहीं मिलेगा. परिजन तैयार हो गये, तो इलाज हुआ.

सर्जरी के लिए अलग से वसूल रहे 25,000-35,000 रुपए

यह अस्पतालों का नायाब तरीका है आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों से पैसे वसूलने का. योजना के तहत इलाज का खर्च निर्धारित होने के कारण निजी अस्पतालों के पास ऑन पेपर अधिक पैसे लेने की गुंजाइश नहीं है. ऐसे में लाभुक से पैसे ऐंठने का अस्पतालों ने यह नया तरीका खोज निकाला है. अब अस्पतालों में सर्जरी के लिए अलग से 25,000 से 35,000 रुपए लिये जा रहे हैं. पहले ही यह शर्त रख दी जाती है कि इस रकम का कोई बिल या कागज नहीं मिलेगा.

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जमीन बेचकर, गहना बंधक रखकर, सूद पर पैसे लेकर करा रहे इलाज

ऐसे मरीजों के परिजनों को लगता है कि अगर सामान्य पैकेज से इलाज कराना पड़ा, तो 1.5 लाख से 2.5 लाख रुपए लग जायेंगे. इसलिए वह विवश होकर पैसे देने के लिए तैयार हो जाते हैं. 35,000 रुपए देने के लिए गरीब मरीज जमीन बंधक रख देते हैं या गहना गिरवी रखते हैं. जिनके पास जमीन या गहना नहीं होता, वे सूद पर पैसे लेकर अस्पताल को दे रहे हैं. आयुष्मान योजना में 70 साल से अधिक उम्र के मरीजों से भी अलग से पैसे वसूले जा रहे हैं.

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सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी हो गये हैं खेल में शामिल

रांची के कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के लाभुकों से पैसे वसूलने का यह तरीका अपना लिया है. इसमें छोटे अस्पताल के बाद अब सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी शामिल हो गये हैं. यह सब डॉक्टरों की मिलीभगत और सहमति से होता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी माना है कि पहले कुछ ही अस्पताल ऐसा कर रहे थे, लेकिन अब यह खुलेआम होने लगा है.

ऐसे अस्पतालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी

इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के पैकेज को फरवरी से ही बढ़ा दिया गया है. अगर झारखंड में ऐसी गड़बड़ी हो रही है, तो इसकी जांच करायी जायेगी. आयुष्मान योजना से जुड़े लाभुकों से अपील है कि ऐसे अस्पतालों की शिकायत करें. उनकी शिकायत को गोपनीय रखा जायेगा. आयुष्मान योजना के लाभुकों से बेवजह पैसे ऐंठने वाले अस्पतालों को चिह्नित कर उनके खलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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