Babulal Marandi: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने सड़क दुर्घटना में घायल एक व्यक्ति की मदद की. स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें उठाकर अस्पताल भिजवाया. इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर भी शेयर की. लेकिन उनका यह अंदाज भारतीय जनता पार्टी को नहीं पसंद आया. इसे लेकर भाजपा लगातार उनपर हमलावर है.
इंसानियत सबसे बड़ी सेवा है- स्वास्थ्य मंत्री
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने “इंसानियत सबसे बड़ी सेवा है”, शीर्षक से एक पोस्ट शेयर की. इस पोस्ट में मंत्री इरफान अंसारी ने बताया, “ आज रांची से लौटते वक्त गोविंदपुर के पास एक बुजुर्ग-सुलेमान अंसारी को सड़क पर घायल हालत में पड़ा देखा. किसी गाड़ी ने टक्कर मारी और फरार हो गया.”
सबसे पहले हम इंसान हैं- डॉ इरफान अंसारी
मंत्री ने बताया कि “कई गाड़ियां गुजर रही थीं, लेकिन कोई नहीं रुका. मैंने तुरंत काफिला रुकवाया, उन्हें उठाया, प्राथमिक उपचार कराया और गाड़ी कर धनबाद सदर अस्पताल भिजवाया. सिविल सर्जन को बेहतर इलाज का निर्देश दिया और आर्थिक मदद भी दी. जब उनकी नातिन ने रोते हुए कहा– “अगर आप नहीं होते तो आज मेरे दादा जिंदा नहीं होते…” तो मन भीतर से हिल गया.” इरफान अंसारी ने कहा कि नेता होना जिम्मेदारी है, लेकिन सबसे पहले हम इंसान हैं. जहां जरूरत हो, वहां रुकना ही इंसानियत है.
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भाजपा दिखी हमलावर
हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री का अंदाज भाजपा को रास नहीं आया. झारखंड भाजपा के कई नेता मंत्री इरफान अंसारी द्वारा घायल बुजुर्ग को एंबुलेंस की जगह ऑटो में भेजने की आलोचना कर रहे हैं. भाजपा नेता अजय शाह ने कहा कि मिनटों में एम्बुलेंस पहुंचने का दावा करने वाले स्वास्थ्य मंत्री सड़क पर घायल व्यक्ति को ऑटो में ढकेल ढकेल कर अस्पताल भेज रहे है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी उक्त मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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CM भी अपने परिजनों का इलाज नहीं करवा पाते
वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, “ सड़क पर घायल व्यक्ति के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराने के बजाय स्वास्थ्य मंत्री ने उसे टेम्पो में लादकर अस्पताल भेजा. इससे अधिक शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है? एयर एम्बुलेंस का ढोल पीटने वाली सरकार हकीकत में केवल फर्जी विज्ञापनों से अपनी वाहवाही लूटने में लगी है. झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी जर्जर हो चुकी है कि खुद मंत्री और मुख्यमंत्री भी अपने या अपने परिजनों का इलाज राज्य के अस्पतालों में करवाने का साहस नहीं कर पाते.”
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