रांची. टोटेमिक कुड़मी/कुरमी विकास मोर्चा के बैनर तले पेसा कानून को लेकर परिचर्चा का आयोजन पुराना विधानसभा सभागार में किया गया. कार्यक्रम में कुड़मी/कुरमी समाज के अगुआ शीतल ओहदार, जैक के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो, रांची विवि के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी, रजिस्ट्रार डॉ मुकुंद चंद मेहता, अधिवक्ता षष्ठी रंजन महतो सहित दर्जनों अधिवक्ता और प्रोफेसर ने परिचर्चा में अपनी बातें रखी. शीतल ओहदार ने कहा कि कुड़मी पेसा कानून का समर्थन करता है, किंतु कुड़मी की रूढ़ी परंपरा ”बाइसी प्रथा” को इसमें शामिल किया जाये. यदि हमारी रूढ़ी परंपरा को जोड़े बिना यह कानून लागू किया गया, तो झारखंड में अनुसूचित क्षेत्र में निवास करने वाले कुड़मी के लिए यह काला कानून साबित होगा.
सरकार द्वारा ड्राफ्ट किये गये पेसा कानून की प्रतिलिपि बांटी गयी
इस दौरान सरकार द्वारा ड्राफ्ट किये गये पेसा कानून की प्रतिलिपि सभी को बांटी गयी. साथ ही इस कानून की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया. बैठक में सर्वसम्मति से 31 सदस्यीय टीम बनायी गयी. टीम इसको लेकर राज्यपाल, पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और मुख्यमंत्री से मिलकर मांग पत्र सौंपेगी. परिचर्चा में सखीचंद महतो, सुषमा महतो, सपन कुमार महतो, थानेश्वर महतो, राजेंद्र महतो, संजय लाल महतो, मुरलीधर महतो, जयंती देवी, रघुनाथ महतो, कुमार ऋषि, संदीप महतो, मिथलेश महतो, राजकुमार महतो, रूपलाल महतो, प्रदीप महतो, किरण महतो, सोमा महतो, अनिल महतो, रविता देवी, ललित मोहन महतो, हेमलाल महतो, मदन मोहन आदि उपस्थित थे.
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