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रांची : डीप बोरिंग पर लगेगी रोक, टैंकर की संख्या बढ़ायेगा निगम

निगम प्रशासक अमीत कुमार ने कहा कि यह तय किया गया है कि यदि आवश्यकता होगी, तो टैंकर की संख्या बढ़ायी जायेगी, लेकिन डीप बोरिंग होने नहीं दिया जायेगा.

रांची नगर निगम डीप बोरिंग पर रोक लगाने के लिए जुटा हुआ है. वर्तमान में निगम के स्तर से यह तय किया गया है कि जो इलाके ड्राइजोन के रूप में चिह्नित हैं, उसके लिए पेयजल स्वच्छता विभाग के साथ बात कर वहां से पानी का उठाव किया जायेगा़ इसके लिए अभी तक चार प्वाइंट निर्धारित किये गये हैं, जिसमें गोंदा, लटमा, सुकरहुट्ट का इलाका शामिल है. अन्य स्थलों को लेकर बातचीत की जा रही है. सामान्य तौर पर डीप बोरिंग वैसे स्थानों पर किया जाता है, जहां पहले से तालाब या कोई जलस्रोत हो. हाल के दिनों में इसकी अनदेखी कर जहां-तहां डीप बोरिंग करायी जा रही है. इस पर रोक लगाने के लिए रांची नगर निगम के प्रशासक अमीत कुमार के आदेश के आलोक में रणनीति तैयार की गयी है. इसे लेकर पानी के व्यवसाय के लिए गली-मुहल्ले में जार से पानी का जो धंधा चल रहा है, उस पर नकेल कसी जा रही है. बिना अनुमति के कहीं डीप बोरिंग न हो, इसे सुनिश्चित कराने के लिए सक्रियता के साथ कार्य किया जा रहा है. निगम प्रशासक अमीत कुमार ने कहा कि यह तय किया गया है कि यदि आवश्यकता होगी, तो टैंकर की संख्या बढ़ायी जायेगी, लेकिन डीप बोरिंग होने नहीं दिया जायेगा. यदि किसी इलाके में इसकी आवश्यकता महसूस की जायेगी, तो वैसे स्थल का चयन किया जायेगा, जिससे आसपास के इलाके में इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. साथ ही जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जायेगा.


स्मार्ट सिटी में पार्क बनेंगे, ओपन स्पेस भी किया जायेगा विकसित

धुर्वा में निर्माणाधीन रांची स्मार्ट सिटी में पार्क का निर्माण किया जायेगा. वहां ओपन स्पेस को विकसित किया जायेगा. इसके लिए जुडको ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर लिया है. स्मार्ट सिटी के एरिया बेस्ड डेवलपमेंट क्षेत्र में पार्क का निर्माण करते हुए ओपन स्पेस विकसित किया जाना है. रांची स्मार्ट सिटी में भारत सरकार की सहायता से कुल 12 प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा कर लिया है. रांची स्मार्ट सिटी में इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट वर्क के तहत आठ प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. इनमें लैंड डेवलपमेंट, रोड, स्ट्रीट लाइट, सीवरेज एंड एसटीपी, ड्रेनेज, पावर डिस्ट्रीब्यूशन, वाटर डिस्ट्रीब्यूशन, पावर इंफ्रास्ट्रक्चर व पावर फॉर वर्क प्रोजेक्ट शामिल हैं. इसके अलावा जीआइएस सब स्टेशन भी बन कर तैयार हो चुका है. लैंड स्केपिंग व पार्कों को विकसित करने का कार्य शेष था. कॉरपोरेशन ने जून के पूर्व पार्क निर्माण व ओपन स्पेस विकसित करने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है.उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी में जमीन आवंटन अब तक रफ्तार नहीं पकड़ सका है. अब तक हुई तीन चरणों की नीलामी में केवल 11 प्लॉटों का ही आवंटन किया जा सका है. जबकि, 656 एकड़ भूमि पर विकसित की जा रही स्मार्ट सिटी में कुल 61 प्लॉट का आवंटन किया जाना है. आवंटित किये गये प्लॉटों पर भी अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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