23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

BAU Ranchi News: वैज्ञानिक निष्कर्ष निकालने में कितना अहम है सांख्यिकी, वर्कशॉप में बोले BAU के वैज्ञानिक

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि एसपीएसएस सॉफ्टवेयर संख्यात्मक और गुणात्मक दोनों प्रकार के डाटा के लिए उपयोगी है तथा विश्वसनीय एवं त्वरित उत्तर प्रदान करता है.

BAU Ranchi News: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा है कि वैज्ञानिक निष्कर्ष निकालने में सांख्यिकी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि सांख्यिकीय टूल्स बड़े डाटा सेट को प्रभावी ढंग से मैनेज करते हैं और डाटा प्रोसेसिंग आसान हो जाता है. कुलपति गुरुवार को रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय में ‘स्टैटिसटिकल पैकेज फॉर सोशल साइंसेज (एसपीएसएस) सॉफ्टवेयर के प्रयोग द्वारा बेसिक डाटा एनालिसिस’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.

स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता आसान बनाने की करें कोशिश

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि एसपीएसएस सॉफ्टवेयर संख्यात्मक और गुणात्मक दोनों प्रकार के डाटा के लिए उपयोगी है तथा विश्वसनीय एवं त्वरित उत्तर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत वरिष्ठ शिक्षकों और अवकाश प्राप्त शिक्षकों को मिलकर संकाय में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति का मार्ग सुगम बनाने का प्रयास करना चाहिए.

नियमित रूप से हो कार्यशाला का आयोजन

प्रसिद्ध पशु आनुवंशिकी विशेषज्ञ और बीएयू के के पूर्व अनुसंधान निदेशक डॉ डीके सिंह द्रोण ने कहा कि डाटा प्रसंस्करण और विश्लेषण के लिए बहुत से अच्छे स्टैटिसटिकल सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं. सही निष्कर्ष के लिए शोधार्थियों को अपने शोध प्रयोगों की डिजाइनिंग बहुत सावधानी से करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के नए शिक्षकों और वैज्ञानिकों को सांख्यिकीय प्रशिक्षण के लिए भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली भेजा जाना चाहिए तथा पशु आनुवंशिकी विभाग को ऐसी कार्यशाला नियमित रूप से आयोजित करनी चाहिए.

ट्रेनिंग व वर्कशॉप के लिए दी जाएगी मदद

पशु चिकित्सा संकाय के डीन डॉ सुशील प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि पशु आनुवंशिकी विभाग के मॉलिक्यूलर एवं साइटोजेनेटिक्स प्रयोगशाला को शीघ्र ही फंक्शनल बनाया जाएगा. इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है. वानिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ एमएस मलिक ने कहा कि अग्रणी कृषि शोध संस्थानों में प्रशिक्षण और कार्यशाला में भाग लेने को इच्छुक पीजी विद्यार्थियों और शिक्षकों को नाहेप परियोजना द्वारा हर संभव मदद और वित्तीय सहायता दी जाएगी.

इन्होंने तैयार की थी कार्यशाला की योजना और डिजाइनिंग

कार्यशाला की समन्वयक डॉ नन्दनी कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि प्रतिभागियों को शोध समस्याओं के तार्किक और वैज्ञानिक निदान में मदद मिलेगी. कार्यक्रम का संचालन डॉ मंजरी पांडेय ने किया. कार्यशाला की योजना और डिजाइनिंग पशु चिकित्सा संकाय के डीन डॉ सुशील प्रसाद के मार्गदर्शन में विभाग के शिक्षकों डॉ नंदनी कुमारी, डॉ अबसार अहमद, डॉ थानेश उरांव और डॉ मंजरी पांडेय द्वारा तैयार की गयी थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel