रांची. शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) रांची जिला कमेटी ने युवाओं और मजदूरों की भूमिका पर विशेष परिचर्चा आयोजित की. इस क्रम में 20 मई को देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया गया. वक्ताओं ने कहा कि आज युवा कई समस्याओं के साथ-साथ बेरोजगारी, ठेका प्रथा और पूंजीवाद का सामना कर रहे हैं, ऐसे में भगत सिंह के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गये हैं. कहा गया कि भारत में 15-39 वर्ष की आयु के मजदूर कुल कार्यबल का 76.4% हैं, लेकिन यह तबका सबसे अधिक शोषण का शिकार है. युवा श्रमिकों को अस्थायी नौकरी, ठेका प्रथा और कम वेतन जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बेरोजगारी दर 17.8% से अधिक हो चुकी है. पिछले एक दशक में करीब 90 लाख नौकरियां खत्म हो गयी हैं. कार्यक्रम में ठेका मजदूरी समाप्त करने, युवा-मजदूरों को स्थायी नौकरी देने, सार्वजनिक क्षेत्रों में खाली पदों को भरने, युवा-मजदूरों को न्यूनतम वेतन के रूप में 26,000 प्रति माह देने, श्रमिकों को स्वास्थ्य, पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्ष तेज करने का निर्णय लिया गया. कार्यक्रम को भवन सिंह, अनिर्बान बोस, अनिमेष मित्रा, केजी जयराज, राजेंद्र राम, प्रतीक मिश्रा, हरेंद्र यादव, सुरेश मुंडा, प्रकाश टोप्पो, महेंद्र कुमार सहित अन्य श्रमिक नेताओं ने संबोधित किया.
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