Birsa Harit Gram Yojana: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल बिरसा हरित ग्राम योजना राज्य के किसानों के लिए लाभकारी है. इस योजना के तहत हर साल प्रत्येक किसान परिवार को 50 हजार रुपये की निर्धारित आमदनी होगी. साथ ही किसानों को फलदार वृक्ष लगाने और उसकी देखभाल करने संबंधी रोजगार का लाभ मिलेगा. जानकारी के अनुसार, बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत राज्य में पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना का उद्देश्य राज्य के किसानों की आय बढ़ाना है. इसमें मनरेगा योजना को भी जोड़ा गया है. इस योजना के तहत आम, अमरूद, नींबू के साथ मिश्रित फल की बागवानी की जाती है. इसके अलावा फलदार पौधों के साथ-साथ अपने खेतों में अनाज और सब्जी को भी उपजाने पर जोर दिया जाता है, ताकि पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी और पौष्टिक तत्व मिल सके.
क्या है इस योजना के लाभ
बिरसा हरित ग्राम योजना में किसानों के साथ राज्य के बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है. इन्हें प्राथमिकता देने का उद्देश्य बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाना है. राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से ग्रामीणों को सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी ग्रामीणों की होगी. राज्य सरकार किसानों को अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग देगी. साथ ही उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जायेगा, जिससे वे फलों को बेचकर पैसे कमा सकें. वहीं, पौधारोपण के लगभग तीन साल बाद हर एक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी प्राप्त होगी.
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क्या है विशेषताएं
- पांच लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्टा दिया जायेगा.
- राज्य भर में पांच करोड़ पौधे लगाये जायेंगे.
- अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग किया जायेगा.
- प्रखंड एवं जिला स्तर पर प्रसंस्करण इकाई की स्थापना होगी.
- उत्पाद को सुगम रूप से बाजार उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था की जायेगी.
- प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की निश्चित वार्षिक आमदनी मिलेगी.
- मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन होगा.
कैसे करें अप्लाई
- इस योजना के लिए किसान ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं:
- सबसे पहले इच्छुक आवेदक स्थानीय ग्राम पंचायत या मनरेगा कार्यालय में जाएं.
- यहां आवश्यक दस्तावेजों के साथ अच्छे से भरा हुआ आवेदन पत्र जमा करें.
- इसके बाद ग्राम सभा पात्र आवेदनों का सत्यापन और अनुमोदन करेगी.
- फिर, अनुमोदन के बाद योजना चरण के अनुसार किसानों को वृक्षारोपण कार्य सौंपा जाएगा.
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