रांची.
प्रदेश भाजपा ने रविवार को सभी 27 सांगठनिक जिलों में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मनायी. इस मौके पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर संगोष्ठी हुई. धनबाद महानगर जिला द्वारा आयोजित संगोष्ठी में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक, शिक्षाविद और राजनेता थे. राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए डॉ मुखर्जी ने अपने जान की बाजी लगा दी. बाबूलाल ने हा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए बलिदान देने वाले वे पहले राजनेता थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की तुष्टीकरण की नीति का डॉ मुखर्जी ने हमेशा विरोध किया.सिंदरी खाद कारखाना डॉ मुखर्जी की देन
उन्होंने केंद्रीय उद्योग मंत्री के रूप ने देश के विकास में अहम योगदान दिया. सिंदरी खाद कारखाना डॉ मुखर्जी की देन है. आजाद भारत में रियासतों के एकीकरण के साथ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को मजबूती प्रदान करने में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने महती भूमिका निभायी. पंडित नेहरू की हठधर्मिता के कारण जम्मू कश्मीर के लिए लागू धारा 370 के प्रबल विरोधी रहे. एक देश में वे दो देश नहीं देख सकते थे. इधर, प्रदेश कार्यालय में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी कुशल संगठनकर्ता थे. जम्मू-कश्मीर में लागू दो विधान, दो निशान और दो प्रधान का विरोध करते हुए उन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दी.
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