रांची. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा को तार-तार करने वाले भाजपा नेताओं के मुख से लोकतंत्र की गरिमा की बातें शोभा नहीं देती. सरकारों की चोरी करने वाले अब मतदाताओं के अधिकारों पर डाका डालने की कोशिश संवैधानिक संस्थाओं के माध्यम से कर रहे हैं. संविधान को बदलने का सपना पालने वाली भाजपा, लोकतंत्र और संविधान की दुहाई किस मुंह से दे रही है. झारखंड में महागठबंधन सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं की गरिमा को हमेशा बनाये रखा है. देश का जनतंत्र देख रहा है कि किस प्रकार चुनाव आयोग जैसी संस्था को बंधक बनाकर अपने अनुकूल मतदाता की परिभाषा भाजपा गढ़ रही है. ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा का हथियार बना लिया गया है. इनका प्रयोग विरोधी दलों के नेताओं के विरुद्ध किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हर संवैधानिक संस्था को अपनी जेबी संस्था समझने वालों को झारखंड की जनता ने करारा जवाब दिया है, जिसकी गूंज आज भी भाजपा नेताओं के कानों में है. भाजपा के शासनकाल में नगर निकायों को भ्रष्टाचार का प्रतीक बना दिया गया था. जबकि हेमंत सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर वार्डों का परिसीमन पूरा कर लिया था. बगैर ट्रिपल टेस्ट कराये चुनाव प्रक्रिया शुरू करने पर भाजपा के सहयोगी दल आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिससे नगर निकाय चुनाव की राह अवरुद्ध हो गयी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव जैसे कारणों से विलंब हुआ. भाजपा के शासनकाल में नगर विकास मंत्री, मेयर, डिप्टी मेयर सहित अधिकांश पार्षद भाजपा से संबंधित थे, लेकिन पूरे राज्य में नगर निकाय क्षेत्रों में अव्यवस्था व्याप्त थी. विकास के नाम पर संगठित रूप से राशि की लूट होती थी. तब झारखंड के नगर निकायों को रेटिंग एजेंसियां गिनती में भी नहीं रखती थीं. वहीं आज महागठबंधन सरकार के तहत नगर निकायों को पीपुल्स फ्रेंडली बनाया गया है और कई क्षेत्रों में बेहतर रैंकिंग मिली है.
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