रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने आरआरडीए व रांची नगर निगम में नक्शा स्वीकृति में विलंब और वसूली के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद रांची नगर निगम को ऑटो डीसीआर सॉफ्टवेयर से भवनों का नक्शा पास करने में तेजी लाने का निर्देश दिया. कहा : जब तक राज्य सरकार द्वारा स्थायी व नियमित लीगल अफसर की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक पूर्व की व्यवस्था से ही नक्शा स्वीकृत करने की कार्रवाई की जाये.
लीगल अफसर की नहीं हो पायी नियुक्ति
खंडपीठ ने नक्शा स्वीकृति में देरी को लेकर रांची नगर निगम के प्रशासक को उपस्थित होने का निर्देश दिया. दूसरे सत्र में नगर निगम के प्रशासक सुशांत गौरव उपस्थित हुए. खंडपीठ ने उनसे पूछा कि ऑटो डीसीआर सॉफ्टवेयर से नक्शा पास होता है. इसमें पांच स्टेप तथा समय निर्धारित है. इसके बावजूद धीमी गति से भवनों का नक्शा क्यों पास किया जा रहा है तथा इसमें इतनी देरी क्यों हो रही है. इस पर प्रशासक ने खंडपीठ को बताया कि लीगल अफसर की नियुक्ति नहीं हो पायी है. इस कारण नक्शा पास करने में कठिनाई हो रही है. हालांकि, नक्शा पास करने में अब विलंब नहीं हो रहा है. निर्धारित समय पर नक्शा पास करने पर काम हो रहा है.
मामले की अगली सुनवाई चार अगस्त को
मामले की अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी. इससे पूर्व मामले के एमिकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि रांची नगर निगम में भवनों का नक्शा पास करने में काफी देरी की जा रही है. लोग नक्शा पास कराने को लेकर परेशान हैं. वहीं, रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि रांची नगर निगम में नक्शा पास करने में विलंब व अवैध वसूली संबंधी खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया था. उस पर स्वत: संज्ञान लेकर कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
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