रांची. कैथोलिक विश्वासियों ने गुरुवार को सोसाइटी ऑफ जीसस धर्मसंघ के संस्थापक संत इग्नेशियुस लोयला का पर्व मनाया. पुरुलिया रोड स्थित संत मरिया महागिरजाघर में सुबह आठ बजे विशेष मिस्सा हुई. मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप विसेंट आईंद थे. उन्होंने कहा कि तुममें से जो अपना सब कुछ नहीं त्याग देता वह मेरा शिष्य नहीं हो सकता. यह यीशु की चुनौतीपूर्ण वाणी है. हम आज संत इग्नेशियुस लोयला का पर्व मना रहे हैं. उन्होंने अपने जीवन में यीशु की इस वाणी का अक्षरश: पालन किया. संत इग्नेशियुस ने अपना जीवन ईश्वर के चरणाें में सौंप दिया. उसने जो कुछ किया ईश्वर के लिए किया. हर पल, हर काम, हर सोच में ईश्वर को केंद्र बनाकर टिके रहना कितना कठिन है. यह उन्होंने साबित किया. आर्चबिशप ने कहा कि हमें उनके कार्यों से सीख लेने की जरूरत है. हमलोग किस रूप में ख्रीस्त है. केवल गिरजा आनेवाले? केवल विनती प्रार्थना के समय या पर्व त्योहार के समय? हम हर पल ख्रीस्तीय हैं. क्या हर पलों में ख्रीस्तीय हैं. हम जो कुछ भी करें वह ख्रीस्त के लिए करें.
पुस्तक का लोकार्पण
इस अवसर पर रांची जेसुइट की वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन हुआ. पत्रिका में सोसायटी के साल के कार्यों का विवरण है. मिस्सा में संत मरिया महागिरजाघर के फादर आनंद डेविड, सोसायटी ऑफ जीसस के प्रोविंशियर फादर अशोक, फादर फ्रांसिस सहित अन्य पुरोहित व बड़ी संख्या में विश्वासीगण मौजूद थे.कौन थे संत इग्नेशियुस लोयला
संत इग्नेशियुस लोयला का जन्म 1491 में स्पेन में हुआ था. उनकी मृत्यु 31 जुलाई 1556 में हुई. 1609 में उन्हें संत घोषित किया गया था. उन्होंने सोसायटी ऑफ जीसस की स्थापना की थी.
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